ओलिंपिक खेलों को आयोजित होते 125 से भी ज्यादा साल बीत चुके हैं मगर पेरिस में इस साल होने वाले ये खेल शायद अब तक के सबसे गर्म ओलिंपिक होंगे। एथलीटों और जलवायु विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि स्पर्द्धाओं के दौरान बेहद गर्मी से सेहत की कई दिक्कतें हो सकती हैं, जिनमें खिलाड़ियों के बेहोश होने या उनकी मौत तक हो जाने का खतरा रहेगा।
हाल ही में जारी रिपोर्ट ‘रिंग्स ऑफ फायर: हीट रिस्क्स ऐट 2024 पेरिस आलिंपिक्स’ में कहा गया है कि पेरिस में टोक्यो ओलिंपिक से भी ज्यादा गर्मी हो सकती है। टोक्यो ओलिंपिक खेलों में पारा 34 डिग्री के पार पहुंच गया था और उमस बढ़कर 70 फीसदी तक हो गई थी।
यह रिपोर्ट ओलिंपिक में हिस्सा ले चुके 11 एथलीटों ने जलवायु विज्ञानियों और पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय में शरीर पर गर्मी के प्रभाव के शीर्ष विशेषज्ञों के साथ मिलकर तैयार की है। एथलीटों में पांच विश्व चैंपियनशिप तथा 6 ओलिंपिक मेडल जीतने वाले खिलाड़ी हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भीषण गर्मी से एथलीटों को कितना अधिक खतरा हो सकता है। इस साल अप्रैल में विश्व मौसम संगठन की रिपोर्ट में बताया गया कि 2023 में यूरोप वैश्विक औसत के मुकाबले दोगुना गर्म हुआ और उस साल सबसे तेजी से गर्म होने वाला महाद्वीप बन गया।
वजह और चुनौती
चार बार ओलिंपिक मेडल जीत चुके विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष लॉर्ड सेबस्टियन को कहते हैं, ‘दुनिया लगातार गर्म हो रही है और जलवायु में आ रहे इस परिवर्तन से खेलों के वजूद को खतरा हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि गर्मी बढ़ने के असर कई तरह के हो सकते हैं। इससे नींद में खलल पड़ने और अंतिम समय में स्पर्द्धा का समय बदले जाने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर फर्क पड़ सकता है या गर्मी के कारण बीमार पड़ने या चोट लगने जैसे बड़े जोखिम भी सामने आ सकते हैं।
ब्रिटेन के रग्बी खिलाड़ी जेमी फार्नडेल ने कहा कि एथलीट गर्मी के बाद भी ओलिंपिक में हिस्सा लेंगे, जिससे उनके लिए खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘एथलीट के खून में रुकना नहीं होता है और अगर खतरनाक हालात में भी वे खेलना जारी रखते हैं तो उनकी जान तक खतरे में पड़ सकती है।’
खेल को छोड़ दीजिए, यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के मुताबिक 2023 सबसे गर्म साल रहा है और 2024 में भी गर्मी सितम ढा रही है। कॉपरनिकस के विशेषज्ञों ने कहा कि 2024 का अप्रैल किसी भी साल के अप्रैल महीने से ज्यादा गर्म रहा है।
रिंग्स ऑफ फायर रिपोर्ट में फ्रांस में 2003 में आई जानलेवा लू की बात भी की गई है। इसकी वजह से 14,000 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद से हर साल तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है और 42 डिग्री सेल्सियस के पार ही पहुंच रहा है।
भारत में अब तक की सबसे ऊंची रैंकिंग वाली ट्रायथलीट प्रज्ञा मोहन के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि हद से ज्यादा गर्मी के कारण वह भारत में तैयारी ही नहीं कर पाई।
प्रज्ञा ने कहा कि प्रायोजक दोपहर बाद स्पर्द्धाएं पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा तादाद में दर्शक देख पाते हैं। इसीलिए उन्हें 40 डिग्री से ज्यादा गर्मी वाले माहौल में मुकाबला करना पड़ा।
भारत में भी मौसम विज्ञान विभाग ने अप्रैल में चेतावनी जारी की। उसने कहा कि 2023 अब तक का सबसे गर्म साल रहा और 2024 में गर्मी और भी ज्यादा रहेगी। विभाग के मुताबिक दिल्ली में इस साल 29 मई को दिल्ली का तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस रहा। दिल्ली पहले कभी इतना गर्म नहीं रहा।
ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर सस्टेनबल स्पोर्ट्स ऐंड फ्रंटरनर्स की रिपोर्ट में एथलीटों को अत्यधिक गर्मी से बचाने और सहारा देने के 5 उपाय सुझाए गए हैं। रिपोर्ट कहती है भीषण गर्मी से बचाने के लिए खेलों का समय समझदारी से तय किया जाए, खिलाड़ियों के शरीर में पानी की कमी दूर करने के लिए बेहतर तैयारी की जाए, एथलीटों को जलवायु परिवर्तन पर बोलने का हौसला दिया जाए, जलवायु जागरूकता अभियानों में एथलीटों के बीच साझेदारी बढ़ाई जाए तथा ईंधन से जुड़ी कंपनियों को खेलों के प्रायोजन से दूर रखने पर विचार किया जाए।