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ऑल्टिस कोरोला का नया अवतार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 9:03 PM IST

टोयोटा कोरोला ऑल्टिस के ड्राइविंग अनुभव को शब्दों में लिखने का कोई मतलब ही नहीं है- इसका किसी भी हाल में संभावित खरीदार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। हो सकता है कि वे इसे पढ़े ही नहीं।


वे अपने सचिव या मुलाजिमों को कार की टेस्ट ड्राइव लेने के लिए कार का इंतजाम करने को कहेंगे और अगर उन्हें टोयोटा बेज के साथ हुंडई वेरना चलाने को दे दी जाए तो वे जाते-जाते इसकी बुकिंग करा लेंगे। क्या ये ब्रांड पर जरूरत से ज्यादा वफादारी है? आपके साथ पूरी ईमानदारी बरतते हुए कहूं तो कोरोला के साथ आप गलत कर ही नहीं सकते।

यही ब्रांड है जिसने टोयोटा को टोयोटा का दर्जा दिलाया है। इसकी हर जेनरेशन, फिर चाहे वह 9 या 10 (जिस वेबसाइट पर आप सर्च कर रहे हों उसके मुताबिक) हो उसका अर्थ बेहद ही भरोसेमंद, किफायती और उम्दा है। ये वही कारें हैं, जिन्हें आप जब किसी नए देश में जाएंगे तो वहां पाएंगे। कोई भी नया देश।

मैकडोनाल्ड से भी अधिक तेजी के साथ इन्होंने बाजार में अपनी पहुंच बनाई है और मुकाबले को और भी कड़ा किया है। अमेरिका में इनका इस्तेमाल पहली कारों के रूप में हो रहा है, भारत में लक्जरी कारों की तरह और थाईलैंड में टैक्सी की तरह। टोयोटा भारत में ऑल्टिस की एक महीने में 2,000 गाड़ियां बेचना चाहती है। क्या कंपनी ऐसा कर पाएगी? चलिए कार के बारे में जानकारी के साथ शुरुआत करते हैं।

डिजाइन और लुक

चूंकि मैं इस कहानी को यही समाप्त नहीं कर सकता, तो चलिए में इस कार को वैसे ही देखता हूं जैसा अन्य कारों को। ऑल्टिस कैमरी का छोटा वर्जन लगती है, ठीक वैसे ही जैसे फॉक्सवैगन की जेटा छोटी पस्साट। ग्रिल, बोनेट, लाइटिंग का ढांचा सभी इसके बेहतर रूप में होने की गवाही देते हैं, एयर-डैम और ड्राइविंग में सहायक ऑक्जिलरी लैम्प से लेकर टेल लैम्प तक सभी में कैमरी की छाप दिखाई देती है।

ऐसा लगता है कि ऑल्टिस के डिजाइन पर कैमरी का काफी प्रभाव है। जहां कार के सामने के तीन भाग तो देखने में सुंदर लगते हैं, वहीं कार की बाहरी रूपरेखा डिजाइन के मामले में कुछ कमजोर दिखाई देती है। चमकदार पहिए या नजर टिका देने वाले बोनेट पर कुछ तेज मोड़ों के अलावा कार में कुछ खास सुधार नहीं हैं। यह डिजाइन हर उम्र के व्यक्ति को पसंद आएगा- जैसा हर बार टोयोटा कहती आई है।

इसका मुकाबला होंडा सिविक के साथ कैसे किया जा सकता है? इस नई कोरोला के मुकाबले सिविक भविष्य में कैसी कारें होंगी इसकी एक झलक देती है- इसलिए दोनों कारों में कोई मुकाबला नहीं किया जा सकता।

इंटीरियर और आराम

इंटीरियर के मामले में कोरोला में अधिक जगह है और इसके फीचर्स काफी तेज हैं। दो रंगों में और तीन टैक्सचर ने ऑल्टिस को अलग बना दिया है और कार के अंदर लकड़ी जैसा लुक इसे पुरानी कोरोला की ही तरह असल से ज्यादा आर्टिफिशियल होने का अहसास कराते हैं। इस कार के टॉप-एंड मॉडल में लेदर सीटों का ग्राहक मजा ले सकते हैं, जिन्हें बेहतर तरीके से आपस में सिला गया है।

टॉप-एंड मॉडल की विशेषताओं में पावर ड्राइवर सीट है, जिसे आप आठ स्तर पर अपने अनुसार व्यवस्थित कर सकते हैं। सभी मॉडलों में रीयर व्यू मिरर है, जिसे बार बार हाथ से पकड़ कर हिलाने की जरूरत नहीं है, यह काम आप बटन की मदद से कर सकते हैं। इसके अलावा इस मॉडल में ऑटोमैटिक एयरकंडिशनिंग और ‘ऑप्टिट्रॉन थ्रीडी’ मल्टी फंक्शनिंग डिस्प्ले भी है।

साफ-सुथरा गॉज और बेहतर तरीके से डिजाइन किया गया सेंटर कंसोल इंटीरियर के समीकरण को पूरा करते हैं। कोरोला के पुराने मॉडल के मुकाबले ऑल्टिस में पीछे की तरफ अधिक जगह है। इस कार के सभी मॉडलों में 6 सीडी चेंजर वाला प्रीमियम ऑडियो सिस्टम और ऑक्स-इन पोर्ट के बुनियादी सुविधा की तरह उपलब्ध है। जहां सिर्फ सबसे बेहतरीन मॉडल में क्रूज कंट्रोल की सुविधा दी गई हैं, वहीं सभी मॉडलों में स्टीयरिंग पर कंट्रोल भी दिए गए हैं।

इसका मुकाबला होंडा सिविक के साथ कैसे किया जा सकता है? होंडा की डिजिटल स्पीडो और मल्टी-लेयर्ड डिस्पले देखने में थोड़ी जगह में बहुत ज्यादा और भविष्य की कार लगती है, लेकिन कोरोला की सामने की ओर दिए गए फीचरों के मामले में मुकाबले को बड़े अंतर के साथ जीत लिया है।

इंजन और प्रदर्शन

16 वॉल्व वाला वीवीटी-आई इंजन जाना पहचाना है और 1800सीसी इंजन से 6,000 आपीएम पर 130 बीएचपी और 4,200 आरपीएम पर 17.3 किलोग्राम की ऊर्जा पैदा करता है। इसमें नया है इसके सॉफ्टवेयर में सुधार और बिल्कुल नया ट्रांसमिशन।

टोयोटा की श्रेणी को ताकत देने वाला और कुछ हद तक स्पोट्र्स कार की क्षमता वाला इंजन काफी तेजतर्रार है और कार को कुछ-कुछ ताकतवर होने का अहसास कराता है, जैसा कि हम किसी सेडान से होने की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं करते। यह इतना उम्दा है कि आपको कार की गति का अहसास करने की लिए उसके स्पीडोमीटर की सुई पर देखने की जरूरत पड़ेगी कि क्या वाकई इसकी गति इतनी है।

छोटी-सी ड्राइव के साथ पावरट्रेन को करीब से जान पाना मुनासिब नहीं था, लेकिन यह कहने में हमें खुशी है कि अपने पुराने मॉडल की ही तरह इसका एनर्जी लेवल भी काफी अधिक है। टोयोटा ड्राइविंग की विभिन्न परिस्थितियों में ऑल्टिस के लिए 10 से 14 किलोमीटर प्रति लीटर का दावा करती है और हमारे पास इस दावे पर संदेह करने के लिए कोई कारण नहीं है।

इसका मुकाबला होंडा सिविक के साथ कैसे किया जा सकता है? आई-वीटीईसी इंजन और कोरोला के वीवीटी- आई मोटर में मामूली सा अंतर है, लेकिन होंडा में जहां पैडल शिफ्ट्स की सुविधा है, वहीं कोरोला ऑटोमैटिक के टॉप एंड वर्जन में सिक्वेंशियल मैन्युअल की सुविधा के साथ आप खुश हो जाएंगे।

सवारी और हैंडलिंग

उठा हुआ अगला हिस्सा, सस्पेंशन के पिछले हिस्से पर टॉर्जन बीम भी वैसी ही है। इस नई कोरोला में जबरदस्त संभाल से ज्यादा ध्यान लक्जरी और सवारी की गुणवत्ता पर दिया गया है। अभी भी कार का परीक्षण बाकी है, लेकिन टोयोटा की इस कार की एक छोटी ड्राइव से जो एहसास होगा वह हिला देने वाला है। जब तक हम एक सही रोड टेस्ट नहीं ले लेते तब तक हम इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहते।

ऑल्टिस आसानी से गड़गड़ाती और गङ्ढे वाली सड़कों पर दौड़ सकती है। एबीएस और ईबीडी जैसी सुविधाएं सभी मॉडलों में उपलब्ध हैं। साथ ही कोरोला के लिए भी नया है किफायती इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग, जो शुक्र है छूने में भी कहीं से कमतर नहीं है।

इसका मुकाबला होंडा सिविक के साथ कैसे किया जा सकता है? इस मामले में सिविक चारों खाने चित्त है, जबकि हैंडलिंग के मामले में अभी भी बीस साबित हो सकती है। ऑल्टिस की सड़क पर बेहतर पकड़ है
और वह स्पीडब्रेकरों को भी बेहतर तरीके से पार कर सकती है।

आखिर में

ऑल्टिस तीन मॉडलों में उपलब्ध है- 1.8 जी मॉडल 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ और एल ट्रिम में उपलब्ध है, जो इसे लक्जरी बनाते हैं। जबकि 1.8 वी सिर्फ 4-स्पीड ऑटोमैटिक (नई सुपर ईसीटी गीयरबॉक्स) के साथ उपलब्ध है और सिर्फ एल ट्रिम में। 1.8 जी की कीमत 10.83 लाख रुपये से शुरू होती है और टॉप एंड मॉडल 1.8 वी की ऑटोमैटिक गीयरबॉक्स के साथ 12.86 लाख रुपये है (एक्स शोरूम दिल्ली)।

नई कोरोला ऑस्टिस पिछले मॉडल से बेहतर है और अब इसके पास होंडा सिविक से मुकाबला करने के लिए इक्विपमेंट और फीचर्स की फेहरिस्त है। साथ ही इसकी कीमत भी बेहतरीन तरीके से तय की गई है, जिसकी वजह से 1.6 पेट्रोल वर्जन की फॉक्सवैगन जेटा जैसी कार भी बहुत महंगी और इक्विपमेंट के मामले में उन्नीस लगती है।

First Published : September 15, 2008 | 12:15 AM IST