Paris Olympics 2024: फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुक्रवार से खेलों का महाकुंभ ओलिंपिक शुरू हो रहा है, जिसमें भारतीय एथलीट भी पूरे दमखम से ताल ठोकने पहुंच गए हैं। उनके साथ इस बार 140 सहायक कर्मचारियों की पल्टन भी गई है। भारत की ओर से पहली बार इतने अधिक सहायक कर्मचारी ओलिंपिक के लिए भेजे गए हैं। इनमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी दिनशॉ पारदीवाला के नेतृत्व में पोषाहार विशेषज्ञ, खानसामे और फिजियोथेरेपिस्ट हैं। साथ ही एथलीटों को चैन की नींद लेने में मदद करने वाले विशेषज्ञ भी गए हैं। ये सभी 117 सदस्यीय एथलीटों को फिट रखने और पदक की सीढ़ी पर सबसे ऊपर रहने के लिए तैयारी में मदद करेंगे।
चिकित्सकों का दल एथलीटों की चोट पर भी नजर रखेगा और उन्हें मानसिक तौर पर भी मजबूत बनाने का काम करेगा। पारदीवाला ने कहा, ‘डेटा-जुटाने वाली अपनी टीम के जरिये हम समझेंगे कि एथलीटों को चोट कैसे और क्यों लगी और क्या इससे बचा जा सकता था। यह पता लगाने के लिए हम एथलीटों की मानसिक स्थिति पर भी नजर रखेंगे और समझेंगे कि पूरी प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत तो नहीं है।’
दो हफ्ते तक चलने वाला खेलों का महाकुंभ पेरिस में खूबसूरत सीन नदी पर एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ शुक्रवार को शुरू होगा। भारत ने 2020 टोक्यो ओलिंपिक (महामारी के कारण इसे 2021 में आयोजित किया गया था) में सात पदक अपने नाम किए थे, जिनमें नीरज चोपड़ा का स्वर्ण भी शामिल था। इस बार भारत तालिका में शीर्ष पर रहना चाहेगा। एथलीटों के दल में जैवलिन थ्रो (भाला फेंक स्पर्धा) चैंपियन नीरज चोपड़ा और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन जैसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टोक्यो में भी पदक झटके थे।
खेलों से पहले भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने यकीन जताया कि पेरिस में भारत का पदक आंकड़ा कम से कम दहाई में होगा। उषा को ज्यादा पदक जीतने के विश्वास इसलिए भी है क्योंकि इस बार भारत ने खेलों में निशानेबाजी का अभी तक का सबसे बड़ा दल भेजा है।
एयर राइफल, पिस्टल और शॉटगन स्पर्धाओं के लिए 21 शूटरों को ओलिंपिक को टिकट मिला है। भारत और चीन ही ऐसे देश हैं जिसने पेरिस ओलिंपिक के लिए सभी कोटे हासिल किए हैं। इससे पता चलता है कि इस खेल में भारत की कितनी धमक है।
इस बार भारतीय राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन ने ओलिंपिक में केवल कोटा हासिल करने वाले एथलीटों को भेजने की परंपरा खत्म कर दी। उसके बजाय एथलीटों का चयन ट्रायल के आधार पर किया गया है। पेरिस से करीब तीन घंटे की दूरी पर बने अत्याधुनिक चेटीरॉक्स शूटिंग रेंज में अगर कोई एथलीट भारत के लिए पदक ले आता है तो अचरज नहीं होना चाहिए।
ऐसा भी पहली बार हुआ कि भारत ने पुरुषों के बजाय ज्यादा महिला निशानेबाज भेजी हैं। निशानेबाजों की टीम में पुरुष 10 हैं और महिलाएं 11 हैं। इससे बानगी मिलती है कि भारत में खेलों में महिलाओं की भागीदारी कितनी बढ़ती जा रही है।
राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने भारत को निशानेबाजी में पहला पदक 2004 के एथेंस खेलों में दिलाया था, जब उन्होंने रजत पदक पर निशाना दागा था। इसके बाद भारत ने निशानेबाजी में एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य सहित चार पदक अपने नाम किए हैं। स्वर्ण पदक 2008 के पेइचिंग ओलिंपिक में अभिनव बिंद्रा ने जीता था।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में 2024 ओलिंपिक आयोजित करने का फैसला आठ साल पहले लिया गया था। मुख्य स्टेडियम में एथलेटिक्स और ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा आयोजित होंगी। अन्य प्रतियोगिताएं शहर के अन्य हिस्सों में आयोजित की जाएंगी। ओलिंपिक डॉट कॉम के अनुसार प्रत्येक ओलिंपिक पदक प्रतिष्ठित एफिल टावर के लोहे के टुकड़ों से बनाया जाता था, जिसे समय के साथ बदल दिया गया है।