भारतीय कप्तान Hardik Pandya ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पांचवें और अंतिम T-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में हार के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराते हुए स्वीकार किया कि उनकी धीमी बल्लेबाजी टर्निंग प्वाइंट साबित हुई जिसके कारण टीम अंतिम 10 ओवरों में लय खो बैठी।
वेस्टइंडीज ने आठ विकेट से यह मैच जीतकर सीरीज 3-2 से अपने नाम की। यह पंड्या की अगुवाई में पहला अवसर है जबकि भारत ने सबसे छोटे प्रारूप में द्विपक्षीय सीरीज गंवाई। पंड्या ने 18 गेंदों पर 14 रन बनाए। उन्होंने मैच के बाद कहा, ‘हमने अंतिम 10 ओवरों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरा तो मैंने क्रीज पर पांव जमाने में समय लिया और फिर अंत तक नहीं टिका रहा। मैं फायदा नहीं उठा पाया।’
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Hardik Pandya ने धीमी पिच पर पहले बल्लेबाजी करने के अपने फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है एक टीम के तौर पर हमें खुद को चुनौती पेश करनी चाहिए। हम इन मैचों से सीख लेते हैं। आखिरकार यहां या वहां एक सीरीज मायने नहीं रखती लेकिन लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण होती है।’
पंड्या ने कहा, ‘हमें अब वनडे विश्वकप में खेलना है और कई बार हारना अच्छा होता है। इससे आपको काफी सीख मिलती है। हमारे खिलाड़ियों ने जज्बा दिखाया। जीत और हार खेल का हिस्सा हैं और हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि हम इससे सीख लें।’
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भारतीय कप्तान ने युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और तिलक वर्मा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने जज्बा दिखाया जो कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बेहद महत्वपूर्ण होता है। प्रत्येक युवा खिलाड़ी के अंदर विश्वास भरा है। यह ऐसी चीज है जिसे मैं अक्सर देखता हूं। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से निभाई। मैं उनके प्रदर्शन से खुश हूं।’