आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के पहले सेमीफाइनल में मंगलवार को विराट कोहली की दमदार पारी ने ऑस्ट्रेलिया को पटखनी दे डाली। यह पहला मौका नहीं था जब क्रिकेट की दुनिया के किंग कहलाने वाले कोहली ने भारत के लिए फाइनल का दरवाजा खोला हो। इस दौर की दो सबसे धाकड़ टीमों के इस मुक़ाबले ने दर्शकों के सारे रिकॉर्ड भी तोड़ दिए। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म जियो हॉटस्टार पर एक वक्त तो 66.9 करोड़ दर्शक इस रोमांचक मुकाबला देख रहे थे।
देश में डिजिटल मीडिया और स्मार्टफोन की बढ़ती पैठ के बीच अब भारतीयों को स्मार्टफोन और लैपटॉप पर ही लाइव मैच देखना रास आने लगा है। कभी टीवी पर चिपके रहने वाले लोग अब इससे दूरी बनाने लगे हैं।
लैपटॉप और स्मार्टफोन पर मैच देखने वाले लोग आसानी से कोई भी आंकड़ा देख सकते हैं, मैच के दौरान चलने वाले क्विज का जवाब देकर पुरस्कार जीत सकते हैं, कैमरे के अलग-अलग ऐंगल से मैच का लुत्फ उठा सकते हैं और अपनी पसंदीदा भाषा में कमेंट्री भी सुन सकते हैं। दर्शकों की पसंद पूरी करने के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म भी हर जतन कर रहे हैं। उन प्लेटफार्म पर दर्शक कम कीमत में या मुफ्त में भी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का लुत्फ ले सकते हैं, जिसे देखकर भी लोग डिजिटल मीडिया का रुख कर रहे हैं।
डेलॉयट और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटसी स्पोर्ट्स (फिफ्स) की एक हालिया रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 2024 में भारत में प्रशंसकों की भागीदारी 21,400 करोड़ रुपये हो सकती है। वित्त वर्ष 2029 तक सालाना 12 फीसदी चक्रवृद्धि के साथ आंकड़ा 38,400 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2024 में कंटेंट स्ट्रीमिंग और विज्ञापन से 4,200 करोड़ रुपये कमाई होने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2029 तक दोगुनी से भी पार 10,000 करोड़ रुपये हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 89 फीसदी भारतीय खेल प्रेमियों को लगता है कि उभरती तकनीक ने उनका खेल देखने का अनुभव काफी बढ़ाया है।