Maaya Revathi tennis
French Open 2025: 25 मई से शुरू हो रहे फ्रेंच ओपन (French Open) के साथ एक छवि पिछले दो दशकों से लगातार इस ग्रैंड स्लैम से जुड़ी रही है— और वह है राफेल नडाल (Rafael Nadal) की। फ्रेंच ओपन के 14 बार के चैंपियन नडाल के कोर्ट पर रोजर फेडरर (Roger Federer) और बाद में नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) के साथ हुए मुकाबले टेनिस प्रेमियों की यादों में हमेशा के लिए दर्ज हो गए हैं। पिछले साल, राफेल नडाल ने रोलांड गैरोस (Roland Garros) में अपना आखिरी मैच खेला था। जहां वह पहले राउंड में अलेक्जेंडर ज्वेरेव (Alexander Zverev) के खिलाफ तीन सेट के रोमांचक मुकाबले में हार गए थे। इसके कुछ महीनों बाद उन्होंने पेशेवर टेनिस से संन्यास ले लिया।
नडाल की छाया न सिर्फ उस ग्रैंड स्लैम पर बनी हुई है जिसे उन्होंने सबसे ज्यादा बार जीता, बल्कि उन खिलाड़ियों पर भी है जिन्हें वह ट्रेन करते हैं। इस साल की शुरुआत में 15 साल की माया राजेश्वरन रेवती (Maaya Rajeshwaran Revathi) की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं, जिसमें वह स्पेन स्थित राफा नडाल अकादमी (Rafa Nadal Academy) में नडाल की देखरेख में ट्रेनिंग लेती नजर आईं।
रेवती ने मुंबई ओपन 2025 में वाइल्डकार्ड एंट्री के जरिए हिस्सा लिया, लेकिन जब टूर्नामेंट खत्म हुआ, तो वह भारत की नई टेनिस सनसनी बन चुकी थीं। महज 15 साल की माया ने WTA 125 टूर्नामेंट में दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा, जब उन्होंने क्वालिफाइंग राउंड से शुरुआत कर सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। यह उनका केवल पांचवां प्रोफेशनल टूर्नामेंट था।
इस टूर्नामेंट में बिना किसी रैंकिंग के उतरने वाली माया ने सीधे तौर पर दुनिया की टॉप खिलाड़ियों को चौंका दिया जिसमें वर्ल्ड नंबर 225 इरिना शिमानोविच (Iryna Shymanovich) और जापान की वर्ल्ड नंबर 285 मेई यामागुची (Mei Yamaguchi) जैसी अनुभवी खिलाड़ी शामिल थीं।
इस उपलब्धि के साथ माया ऐसी पहली खिलाड़ी बन गईं जो 2009 या उसके बाद जन्मी हैं और इतने उच्च स्तर के मेन-ड्रॉ टूर्नामेंट में टॉप 4 तक पहुंची हैं। अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद वह अब WTA रैंकिंग में टॉप 700 में आ जाएंगी, जिससे वह WTA रैंकिंग हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय खिलाड़ी बनेंगी।
हालांकि माया के उज्ज्वल भविष्य को लेकर चर्चाएं तेज हैं, लेकिन भारतीय टेनिस कुछ समय से गिरावट के दौर से गुजर रहा है। यहां तक कि वर्ल्ड नंबर 169 और सिंगल्स में भारत की इकलौती उम्मीद सुमित नागल (Sumit Nagal) भी फ्रेंच ओपन क्वालिफायर्स के दूसरे राउंड में बाहर हो गए।
भारत से निकले अब तक के सबसे बेहतरीन सिंगल्स खिलाड़ी विजय अमृतराज (Vijay Amritraj) का मानना है कि टेनिस के प्रति जुनून की कमी भी भारत की मौजूदा स्थिति के पीछे एक अहम कारण है। उन्होंने कहा, “एक समय था जब हम एशिया की सबसे मजबूत टीम थे। आज डेविस कप में हमारी गिनती मुश्किल से होती है। पहले हम तब ही आराम करते थे जब दिन की छुट्टी होती थी। बेशक, वो समय काफी अलग था। लेकिन अब के खिलाड़ियों में, खासकर इस दशक में, वह संघर्ष और जज़्बा नहीं दिखता।”
Also read: ये Large Cap Funds बने शेयरखान के Top Pick, 5 साल में ₹1 लाख के बनाए ₹3 लाख, 28% तक दिया रिटर्न
भारत में हाल के वर्षों में टेनिस की गिरती स्थिति के साथ ही खिलाड़ियों को मिलने वाले ब्रांड एंडोर्समेंट्स में भी भारी गिरावट देखी गई है। मौजूदा भारतीय टेनिस खिलाड़ियों में सुमित नागल ही एकमात्र खिलाड़ी हैं जो किसी ब्रांड (बैंक ऑफ बड़ौदा) का प्रचार कर रहे हैं। इसकी तुलना अगर पहले के सितारों से करें, तो महेश भूपति (Mahesh Bhupathi), लिएंडर पेस (Leander Paes) और सानिया मिर्जा (Sania Mirza) जैसे खिलाड़ियों की मजबूत ब्रांड मौजूदगी थी, जो कई बार क्रिकेटरों के समान स्तर पर मानी जाती थी- जबकि खेल जगत में एंडोर्समेंट का सबसे बड़ा हिस्सा आमतौर पर क्रिकेटरों को ही मिलता है।
अल्केमिस्ट ब्रांड कंसल्टिंग के फाउंडर सामित सिन्हा कहते हैं, “ब्रांड वैल्यू में गिरावट का मुख्य कारण यह है कि भारत में क्रिकेट किसी भी अन्य खेल की तुलना में कहीं ज्यादा लोकप्रिय है। यही लोकप्रियता मीडिया कवरेज में भी दिखती है। नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) जैसे अपवाद सामने आते हैं क्योंकि वह भारत में ओलंपिक गोल्ड जैसी बेहद दुर्लभ चीज का प्रतिनिधित्व करते हैं।”
कई विशेषज्ञ भारत में टेनिस के गिरते स्तर और इसके चलते खिलाड़ियों को कम ब्रांड एंडोर्समेंट मिलने के पीछे अलग-अलग कारण बताते हैं।
Also read: Mutual Fund निवेशकों का नजरिया बदला, अब SIP को लंबी अवधि तक कर रहे होल्ड
महाराष्ट्र स्टेट लॉन टेनिस एसोसिएशन (MSLTA) के सचिव सुंदर अय्यर कहते हैं, “अगर आप किसी क्लब के सदस्य हैं तो आप टेनिस खेल सकते हैं, वरना इसके लिए सार्वजनिक सुविधाएं बहुत कम हैं। यहां तक कि टेनिस का इक्विपमेंट भी महंगा होता है। भले ही युवा खिलाड़ियों के लिए इवेंट्स की संख्या बढ़ रही हो, लेकिन वे अब भी सीमित हैं।”
ऐसा ही एक इवेंट है टेनिस प्रीमियर लीग (Tennis Premier League) जिसे 2018 में कुणाल ठाकुर (Kunal Thakkur) और मृणाल जैन (Mrunal Jain) ने शुरू किया था। यह लीग हाल के वर्षों में लगातार मजबूत होती गई है और इसमें महेश भूपति, सानिया मिर्जा और लिएंडर पेस जैसे दिग्गज खिलाड़ी ब्रांड एम्बेसडर के रूप में जुड़ चुके हैं।
1970 के दशक में कई बार विंबलडन (Wimbledon) और यूएस ओपन (US Open) के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले अमृतराज कहते हैं कि ब्रांड्स एंडोर्समेंट के लिए एक अलग नजरिए से सोचते हैं। उन्होंने कहा, “1970 के दशक में आर्थर ऐश, आनंद अमृतराज (मेरे भाई) और मैं ही यूएस ओपन में चमकने वाले कुछ चुनिंदा खिलाड़ी थे। इसलिए ब्रांडों ने हमें विज्ञापन देने का अवसर लपक लिया। चूंकि उस समय टीवी विज्ञापन नहीं थे, इसलिए मैं जिन विज्ञापनों में काम करता था, वे फिल्में शुरू होने से पहले थिएटर में दिखाए जाते थे।”
ऐसे मामलों में सरकारी सहयोग स्थानीय प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें तराशने के लिए बेहद अहम बन जाता है। कुणाल ठाकुर मानते हैं कि अगर युवाओं को खेल तक बेहतर पहुंच मिले, तो टेनिस को अपनाने वाले खिलाड़ियों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
एक ब्रांड एक्सपर्ट्स हरीश बिजूर कहते हैं कि लोगों की पसंदीदा खेलों को लेकर सोच बदलना आसान नहीं होता। उनका कहना है, “टेनिस खेलने के लिए आपको ज्यादा निवेश करना पड़ता है—समय, पैसा और संसाधनों के रूप में। इसलिए जो खेल आप आसानी से खेल सकते हैं, वही आगे चलकर आपका पसंदीदा खेल बन जाता है।”
इस बीच, फ्रेंच ओपन में राफेल नडाल को फिलीप-शैट्रियर कोर्ट पर श्रद्धांजलि दी जाएगी। भारत के लिए, कोयंबटूर में जन्मी माया रेवती, जो नडाल की देखरेख में ट्रेनिंग ले रही हैं, पहले ही उन उम्मीदों की प्रतिनिधि बन चुकी हैं जो भारतीय टेनिस खिलाड़ियों और ब्रांड्स के उज्ज्वल भविष्य से जुड़ी हैं।