विशेष

AI और ऑटोमेशन के दौर में कौन बचाएगा नौकरियां? ILO विशेषज्ञ ने बताया

ILO की वरिष्ठ रोजगार विशेषज्ञ राधिका कपूर ने बिज़नेस स्टैंडर्ड मंथन में कहा कि AI और जेनरेटिव AI जैसी नई तकनीकों से पूरी नौकरियां नहीं जाएंगी

Published by
शिवा राजौरा   
Last Updated- March 01, 2025 | 7:29 AM IST

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की दक्षिण एशिया के लिए डिसेंट वर्क टेक्निकल सपोर्ट टीम (डीडब्ल्यूटी) की वरिष्ठ रोजगार विशेषज्ञ राधिका कपूर ने शुक्रवार को बिज़नेस स्टैंडर्ड मंथन कार्यक्रम के दौरान कहा कि भविष्य में ऑटोमेशन की तुलना में तकनीक का बढ़ता असर कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण होने जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘दरअसल हर पेशे में कुछ निश्चित काम शामिल होते हैं। ऐसे में जब एआई, जेन एआई जैसी नई तकनीकें आ रही हैं, उस पेशे में कुछ निश्चित काम ऑटोमेटेड होगा, पूरा पेशा नहीं। इसलिए, जो काम निरर्थक होंगे, वे व्यवसाय की समग्र उत्पादकता को बढ़ाएंगे। यही वृद्धिकारी प्रभाव है।’तकनीकी बदलाव को देखते हुए रोजगार भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने एक वैश्विक अध्ययन का उल्लेख करते हुए कहा कि इन तकनीकी परिवर्तनों का प्रभाव बढ़ेगा। उस अध्ययन में एआई के असर पर विचार किया गया था।

‘रोजगार का भविष्य’ विषय पर आयोजित चर्चा में शामिल श्रम सचिव सुमिता द्वारा ने कहा कि भारत में सेवा, ट्रेड, वित्तीय क्षेत्र, निर्माण जैसे परंपरागत सेक्टर रोजगार के चालक हैं, वहीं स्टार्टअप, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) वृद्धि के नए इंजन बनकर उभरे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के अध्यक्ष हिरण्यमय पांड्या ने कहा कि जब भी नई तकनीक आती है, अनजाने में ही नए तरह के रोजगार का सृजन होता है।

उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए कोविड महामारी के दौरान हमने देखा कि काम के तरीके में बदलाव हुआ। गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स इसके उदाहरण हैं। अब ये हमारे जीवन का नियमित हिस्सा हैं। सरकारी क्षेत्र में सृजित रोजगार ही रोजगार नहीं होते हैं। निजी क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, वह भी तमाम नौकरियों का सृजन कर रहा है।’

इसके साथ ही तीनो पैनलिस्ट इस बात पर भी सहमत थे कि बदलते परिदृश्य के मुताबिक युवकों को कुशल बनाना महत्त्वपूर्ण है, जहा तकनीकी बदलाव उल्लेखनीय असर डाल रहा है। साथ ही बड़ी कामकाजी आबादी अनौपचारिक क्षेत्र में लगी हुई है, उन्हें कुशल बनाकर औपचारिक बनाए जाने की जरूरत है।

रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन की 3 योजनाएं पेश किए जाने को लेकर श्रम सचिव द्वारा ने कहा कि इस मसले से जुड़े हितधारकों से व्यापक बातचीत हुई है और जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में श्रम मंत्रालय का बजट ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर है। इन 3 योजनाओं के लिएकरीब 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

First Published : March 1, 2025 | 7:29 AM IST