दीवाली के मद्देनजर दिल्ली में भीड़भाड़ काफी दिख रही है। इससे लगता है कि त्योहारी खरीदारी के लिए लोगों की आवाजाही बढ़ गई है लेकिन दुकानदारों का कहना है कि इस बार जितनी भीड़ दिख रही है उतनी बिक्री नहीं हो रही है। उनका मानना है कि महंगाई और कोविड के बाद आर्थिक परिदृश्य के कारण बिक्री का नुकसान हुआ है।
दिल्ली में जामा मस्जिद के समीप मीना बाजार के एक 60 वर्षीय दुकानदार मोहम्मद सिजाद ने कहा कि उपभोग्य एवं अन्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी के कारण लोग इस त्योहारी सीजन में कम खरीदारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘बिक्री कमजोर दिख रही है। खर्च करने के प्रति लोग अधिक सतर्क दिख रहे हैं क्योंकि वे देख चुके हैं कि कोविड ने किस प्रकार जन-जीवन को अस्त-व्यस्त किया है। ऐसे में महंगाई के कारण स्थिति कहीं अधिक खराब हो गई है।’
एक अन्य दुकानदार मंजल इमाम ने भी सहमति जताते हुए कहा, ‘इस महीने दो त्योहार- दशहरा और दीवाली- हैं। अधिकतर लोग इस महीने के आरंभ में ही पर्याप्त खरीदारी कर चुके हैं। इसके अलावा हम जिन उत्पादों की बिक्री करते हैं उनका ताल्लुक कम आयवर्ग के लोगों से है। 15 से 20 हजार रुपये प्रति माह कमाने वाले लोग एक महीने में दो बार त्योहारी खरीदारी नहीं कर सकते।’
कई सर्वेक्षणों से पता चलता है कि कोविड के प्रकोप ने अमीरों और गरीबों के बीच खाई को बढ़ा दिया है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म शॉपिफाई के सर्वेक्षण के अनुसार, 85.82 फीसदी लोग पिछले वर्षों के मुकाबले अधिक खर्च करना चाहते थे। जबकि 78.57 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने इस बार वैश्विक महामारी से पहले के मुकाबले अधिक ऑनलाइन खरीदारी करने की योजना बनाई है। उधर, ऑनलाइन सामुदायिक प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि हरेक तीन में से एक परिवार ने इस त्योहारी सीजन में 10,000 रुपये से अधिक खर्च करने की योजना बनाई है।
हालांकि स्थानीय दुकानदारों की राय इससे अलग है। जनपथ मार्केट के एक दुकानदार बबलू ने कहा कि 2019 तक त्योहारी सीजन के दौरान भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए बाजार के प्रवेश मार्ग को बंद कर दिया जाता था। उन्होंने कहा, ‘पहले हमारे पास सांस लेने का भी समय नहीं होता था। इस समय बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है लेकिन हमारे पास ग्राहकों की आवक काफी कम हो गई है। महंगाई के कारण उनका बटुआ खाली हो चुका है।’
देश के दूसरे शहरों में भी लगभग ऐसी ही कहानी है। लखनऊ के हजरतगंज बाजार के एक दुकानदार मयंक केशवानी ने कहा कि वैश्विक महामारी ने लोगों के खर्च और खरीदारी करने का तरीका बदल दिया है। उन्होंने कहा, ‘बिक्री पिछले साल के मुकाबले काफी कम हो गई है। हालांकि यह देखकर अच्छा लगता है कि लोग दो साल बाद दीवाली मनाने के लिए बाहर निकल रहे हैं। अब धारणा बदल चुकी है और लोग ऑनलाइन खरीदारी करना पसंद करते हैं।’
हालांकि, कुछ लोगों को इस त्योहारी सीजन से काफी उम्मीद भी दिख रही है। दिल्ली के लाल किला के समीप एक कपड़ा स्टोर के मालिक पाल सिंह ने कहा कि वैश्विक महामारी से पहले के मुकाबले खुदरा बिक्री भले ही कम दिख रही है लेकिन पिछले साल के मुकाबले उसमें सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ वर्ष कठिन रहे हैं।
पहला, यहां सौंदर्यीकरण संबंधी कार्य ने लोगों की आवक को प्रभावित किया है। उसके बाद कोविड और महंगाई की मार से लोग परेशान हैं। अब त्योहारी सीजन में हम पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी अधिक बिक्री देख रहे हैं। लोगों का रुझान ऑनलाइन खरीदारी की ओर होने से भी बिक्री प्रभावित हुई है।’
लाइटिंग सामन बेचने वाले दुकानदार पुनीत गोयल ने कहा कि त्योहारी भीड़ और आगामी शादी-ब्याह के सीजन ने उनके कारोबार के लिए संभावनाएं बेहतर की हैं। उन्होंने कहा, ‘कारोबार के लिए हमारा नजरिया सकारात्मक है। हम बिक्री 20 फीसदी बढ़ने की उम्मीद करते हैं। पिछले तीन साल में पहली बार लोग लाइटिंग के सामान खरीदने आ रहे हैं। वे पिछले समय की भरपाई भी करना चाहते हैं।’
लगातार दूसरे साल नुकसान की आशंका जाहिर करते हुए एक अन्य दुकानदार बलविंदर सिंह ने कहा, ‘लोगों के पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं। हमारी बिक्री करीब 90 फीसदी घट गई है। हमारे मुख्य ग्राहक कम आयवर्ग के लोग और बच्चे हैं। बच्चे खरीदारी कर रहे हैं लेकिन कम आयवर्ग के लोगों की नजर बचत पर है।’