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लीक से अलग प्रबंधन छात्रों के काम को सम्मान

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:36 AM IST

नौकरी छोडऩे की दर से जुड़ी चेतावनी प्रणाली, ऑटिज्म बीमारी से प्रभावित लोगों के लिए घर पर केंद्रित इलाज और नपुंसकता के इलाज के लिए मरीजों को डिजिटल तरीके से जोडऩे की रणनीति वाली परियोजना को मिले बिज़नेस स्टैंडर्ड के तीन शीर्ष पुरस्कार
कर्मचारियों के नौकरी छोडऩे तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य का संज्ञान लेने वाली परियोजनाएं और समुदाय आधारित इलाज से जुड़े मंचों को शुक्रवार को बिज़नेस स्टैंडर्ड-सीजी पावर ऐंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस बेस्ट बी-स्कूल प्रोजेक्ट अवार्ड 2020 के सम्मान से नवाजा गया। इस साल के प्रतिभागियों की प्रविष्टियों में समुदाय आधारित, अनुकूल, तकनीक सक्षम नेटवर्क के जरिये उन समस्याओं के समाधान के रुझान के संकेत मिले जिनका हल निकालना मुश्किल होता है।
महामारी की वजह से पहली बार इस कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन किया गया जिसमें निर्णायक मंडल ने एक्सएलआरआई के शुभम सिन्हा को कर्मचारियों के नौकरी छोडऩे के जोखिम की पहचान करने के लिए तैयार किए गए चेतावनी संकेतों से जुड़े उनके काम के लिए चुना और उन्हें प्रथम पुरस्कार मिला। द्वितीय और तृतीय दोनों ही पुरस्कार महिलाओं के नाम रहे जिनमें एक्सआईएमबीए भुवनेश्वर की शुभ्रा अग्रवाल और एल एन वेंलिंगकर इंस्टीट्यूट ऑफ  मैनेजमेंट डेवलपमेंट ऐंड रिसर्च की दिशा पाटिल शामिल हैं। शुभ्रा को नपुंसकता के इलाज के लिए डिजिटल क्षमता को मजबूत करने जबकि दिशा को ऑटिज्म से जुड़ी परेशानी के लिए घर पर केंद्रित इलाज से जुड़ी परियोजना के लिए सम्मानित किया गया।
इस पुरस्कार के निर्णायक मंडल (जूरी) की अध्यक्षता रीडिफ  डॉट कॉम के संस्थापक, अध्यक्ष और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अजित बालकृष्णन ने की। ब्रांड बिल्डिंग डॉट कॉम के संस्थापक, अंबी परमेश्वरन, मैकिंजी के वैश्विक ऊर्जा और सामग्री क्षेत्र के लीडर रजत गुप्ता, ऐक्सिस बैंक में मानव संसाधन की प्रमुख राजकमल वेम्पति और सीजी पावर ऐंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस में अध्यक्ष (मानव संसाधन) लॉयड पिंटो भी जूरी के सदस्यों में शामिल थे। बालकृष्णन ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि प्रबंधन विषय के छात्र भी व्यापक किस्म की समस्याओं के समाधान तैयार करने लिए अपनी योग्यता दर्शा रहे हैं। जूरी के सदस्य, कर्मचारियों के नौकरी छोडऩे के रुझान से लेकर विनिर्माण दक्षता और स्वास्थ्य आदि से जुड़े विविध विषयों से काफी प्रभावित थे। उन्होंने छात्रों के उस जुनून की भी तारीफ  की जिसके दम पर उन्होंने उन समस्याओं के विश्लेषण और शोध में अपना कौशल दिखाया जिस पर पहले कोई अहम पहल नहीं की गई थी।
सिन्हा ने टाटा एआईजी के साथ मिलकर ‘एट्रीशन प्रिडिक्शन अर्ली वार्निंग आरएजी मोड’ शीर्षक वाली परियोजना पर काम किया है। जिसके लिए उन्हें शीर्ष पुरस्कार मिला। आरएजी लाल, अंबर, हरे रंग का संक्षिप्त रूप है जो प्रबंधन की भाषा में परियोजना प्रबंधन के लिए एक चेतावनी प्रणाली के लिए इस्तेमाल की जाती है।
अग्रवाल ने अपनी स्पष्टता से निर्णायक मंडल को प्रभावित किया क्योंकि उन्होंने नपुंसकता जैसे विषय को चुना था जिस पर देश में अब भी खुलकर बात करना वर्जित माना जाता है। उनकी परियोजना का शीर्षक है, ‘स्ट्रेंदनिंग डिजिटल कैपेबिलिटीज ऑफ  बॉस्टन साइंटिफि क इंडिया (बीएससीआई) इरेक्टल डिस्फंक्शन डायरेक्ट टू पेशेंट प्लान’। इस परियोजना के तहत इस बीमारी से प्रभावित देश में 50 साल से अधिक उम्र के 50 फीसदी पुरुषों के इलाज के लिए डिजिटल क्षमता को मजबूत करने की बात है। बीएससीआई ईडी पर दुनिया की अग्रणी दवा और शोध कंपनियों में शामिल है।
पाटिल ने डिजिटल इम्पैक्ट स्क्वायर के लिए एक वाणिज्यिक व्यापार मॉडल विकसित करने में मदद की जो टीसीएस फाउंडेशन की पहल है। उनकी परियोजना का शीर्षक  है, ‘एन्हांसिंग होम रेनफोर्समेंट थेरेपी फॉर चिल्ड्रन विद ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिस्ऑर्डर (एएसडी)’ जिसके तहत उन्होंने इस बीमारी से प्रभावित होने वाले बच्चों के परिवारों के लिए किफायती और आसानी से लागू करने वाले उपायों पर काम किया है, जिनको पीडि़त बच्चे की बेहतर देखभाल के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है।

First Published : March 27, 2021 | 12:17 AM IST