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डिजिटल मीडिया और नए जमाने की पत्रकारिता के इस दौर में आत्मसंयम पर्याप्त नहीं है और आत्मसंयम के साथ सरकारी नियमों को मानने से ही बात बनेगी। सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश बीवी नागरत्ना ने शनिवार को 24वें बिज़नेस स्टैंडर्ड-सीमा नेज़रेथ अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म 2022 समारोह में पत्रकारों को यह सलाह दी। पत्रकारिता में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए यह पुरस्कार हर साल 30 वर्ष से कम उम्र के पत्रकारों को दिया जाता है।
न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, ‘डिजिटल मीडिया ने खबरें देने और प्रसारण करने के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इससे पहले कोई भी सूचना इतनी तेजी से लोगों तक नहीं पहुंचती थी। इसलिए जरूरी है कि पत्रकारिता सटीक हो।’
‘अ फ्री ऐंड बैलेंस्ड प्रेस: अ सेंटिनेल ऑफ डेमोक्रेसी’ यानी ‘स्वतंत्र एवं संतुलित प्रेस: लोकतंत्र की प्रहरी’ विषय पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि तुरंत खबर देने का मतलब जानकारी या सटीकता के साथ समझौता नहीं होना चाहिए।
न्यायमूर्ति नागरत्ना ने प्रेस की आजादी को अहम बताया और यह भी कहा कि आम लोगों का भरोसा बरकरार रखना पत्रकार का दायित्व है। न्यायमूर्ति ने कहा, ‘स्वतंत्र प्रेस वह पथ प्रदर्शक है, जो लोकतंत्र को सही दिशा में ले जाती है। प्रेस को उसका काम करने से रोका जाता है तो लोकतंत्र की जीवंतता और बहुलता को नुकसान पहुंचता है।’
न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि प्रेस को सत्ता के सामने सच अवश्य बोलना चाहिए मगर लगातार गलत की पैरवी करते रहना भी सही बात नहीं है। पहले पीत पत्रकारिता कहलाने वाली गलत और भ्रामक खबरों के बढ़ते चलन से आगाह करते हुए उन्होंने कहा, ‘साथी या सलाहकार न बनें। रचनात्मक आलोचक और स्वतंत्र संस्था बनें।’
उन्होंने कहा, ‘खबर देते समय पूर्वाग्रह से दूर रहना मीडिया की सामूहिक जिम्मेदारी है। डर नहीं फैलाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि आम लोगों के लिए जटिल जानकारी को सरल बनाकर पेश करना प्रेस का काम है मगर ऐसा करते समय सटीकता बनी रहनी चाहिए।
न्यायमूर्ति ने कहा कि समाचार चैनलों की भीड़ के बीच नजरिये बिगड़ते जा रहे हैं और क्लिक पाने की होड़ में की जा रही पत्रकारिता दर्शकों को कुछ समय के लिए ही आकर्षित कर सकती है। इसीलिए मीडिया साक्षरता की जरूरत है।
न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, ‘पत्रकारिता की कला में बारीकियों पर गौर करना जरूरी है। आम लोगों के सामने किसी भी घटना की पूरी तस्वीर रखी जाए और खास तौर पर सरकारी अधिकारियों का बयान संदर्भ के बगैर नहीं दिया जाए।’
नागरत्ना ने कहा कि प्रेस सार्वजनिक सूचना की राष्ट्रीय ट्रस्टी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक आर्थिक राजनीति, राजनीतिक विचारधारा जैसे मुद्दों पर एक जैसे विचार लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं। उन्होंने कहा, ‘सरकारी नीतियों पर प्रेस के आलोचनात्मक उपयोग को सत्ता-विरोधी नहीं कहा जा सकता।’
पत्रकारिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए साल 2022 का बिज़नेस स्टैंडर्ड-सीमा नेज़रेथ अवार्ड नई दिल्ली में काम कर रहे संवाददाता ध्रुवाक्ष साहा को दिया गया। उन्हें 50,000 रुपये, चांदी की कलम और प्रशस्ति पत्र दिया गया। बिज़नेस स्टैंडर्ड की दिवंगत युवा पत्रकार सीमा नेज़रेथ की याद में बिज़नेस स्टैंडर्ड लिमिटेड और नेज़रेथ परिवार ने यह पुरस्कार शुरू किया था।
नेज़रेथ का निधन मार्च 1999 में हो गया था। निर्णायक मंडल ने दिल्ली मेट्रो के विकास, बुनियादी ढांचे के लिए रकम के इंतजाम, बिजली क्षेत्र की दिक्कतों समेत विभिन्न मुद्दों पर साहा की गहराई भरी रिपोर्टिंग और विश्लेषण की सराहना की।
इस साल स्पेशल मेंशन अवार्ड मुख्य उप संपादक सार्थक चौधरी को दिया गया। उन्हें 10,000 रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद देते हुए सीमा नेज़रेथ के पिता पीए नेज़रेथ ने याद किया कि पहला पुरस्कार उनकी बेटी के जन्मदिन 21 फरवरी को राष्ट्रपति भवन में दिया गया था।