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बख्शी बने बैंकर ऑफ द इयर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:17 PM IST

आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (एमडी एवं सीईओ) संदीप बख्शी को बिज़नेस स्टैंडर्ड का 2020-21 का बैंकर ऑफ द इयर चुना गया है। बख्शी को पिछले तीन से दौरान इस निजी क्षेत्र के बैंक में उल्लेखनीय सुधार और इसके प्रति धारणा में बदलाव के लिए यह सम्मान दिया गया है।
उन्होंने अक्टूबर 2018 में ऐसे समय सीईओ का पदभार संभाला था, जब उनसे पहले की सीईओ पर विवाद चल रहा था और उन्हें कॉरपोरेट प्रशासन से संबंधित मसलों पर इस्तीफा देना पड़ा था। बख्शी ने पिछले साढ़े तीन साल में न केवल बैंक को विवादित अतीत से बाहर निकाला बल्कि लगभग सभी पैमानों पर वृद्धि भी दर्ज की। देश में निजी क्षेत्र के इस दूसरे सबसे बड़े बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है।
यह सर्वसम्मत फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गनर्वर एसएस मूंदड़ा की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यों के उच्च स्तरीय निर्णायक मंडल ने लिया। इसके अन्य सदस्य हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी) लिमिटेड के वाइस चेयरमैन केकी मिस्त्री, आईकैन इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के चेयरमैन अनिल सिंघवी, बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व एमडी एवं सीईओ तथा वीबीएचसी वैल्यू होम्स एवं नॉर्दन एआरसी कैपिटल के गैर-कार्यकारी चेयरमैन पीएस जयकुमार तथा आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी ए बालासुब्रमण्यन हैं।
महामारी के कारण लगातार दूसरे साल निर्णायक मंडल ने विजेता तय करने के लिए वीडियोकॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक की। उम्मीदवारों के चयन के लिए कुछ मानदंड रखे गए। इनमें 21 मार्च 2021 को परिसंपत्ति 50,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक होना और पिछले तीन वर्षों में प्रावधान पूर्व लाभ में 10 फीसदी या अधिक वृद्धि शामिल थे। इन मापदंडों पर 10 बैंक ही खरे उतरे, जिनकी संख्या आगे छंटनी के बाद 7 रह गई।
निर्णायक मंडल ने इन 7 बैंकों के वित्तीय आंकड़ों पर गहन चर्चा की और मात्रात्मक पहलुओं पर विचार के बाद केवल 3 बैंक बचे। इसके बाद प्रशासन, हाल के घटनाक्रम, एचआर गतिविधियों, नियामकीय पहलों, नवोन्मेषी तरीकों, तकनीकी दक्षता जैसे गुणात्मक पहलुओं पर विचार किया गया। इसमें केवल दो उम्मीदवार छांटे गए। हालांकि अंतिम दौर के दोनों नेतृत्वकर्ताओं की अगुआई में बैंकों ने तगड़ा प्रदर्शन किया है।
संदीप बख्शी के पक्ष में फैसला इसलिए गया क्योंकि उन्हें विरासत में मुश्किल हालात मिले थे फिर भी वह बैंक में सुधार ले आए।
बख्शी को बधाई देते हुए निर्णायक मंडल के अध्यक्ष मूंदड़ा ने कहा, ‘उन्हें चुनौतीपूर्ण विरासत मिली, लेकिन उन्होंने परिपक्व नेतृत्व के साथ पिछले कुछ वर्षों के दौरान बेहतर ढंग से अगुआई की, जबकि अन्य उम्मीदवारों को पूरे साल स्थायित्व भरा संगठन मिला। बैंक ने पिछले तीन साल के दौरान ज्यादातर मानकों पर सुधार दर्ज किया है, जबकि अन्य मामलों में लगभग यथास्थिति रही।’
निर्णायक मंडल में इस बात पर सहमति थी कि बख्शी को संगठन का आत्मविश्वास बहाल करने और सहयोगी प्रबंधन नेतृत्व लाने का श्रेय जाता है, जो तकनीक से संबंधित खामियों को दूर करने से ज्यादा महत्त्वपूर्ण था। बख्शी आईसीआईसीआई बैंक से 1986 से जुड़े हुए हैं और आईसीआईसीआई लिमिटेड, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई बैंक और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस में विभिन्न पद संभाल चुके हैं। बैंक को मुश्किल दौर से निकालने के बाद बख्शी को अक्टूबर 2023 तक विस्तार दिया गया है।
वित्त वर्ष 2020-21 में आईसीआईसीआई बैंक का शुद्ध लाभ 16,193 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के दौरान 7,931 करोड़ रुपये रहा था। इसका ऋण पोर्टफोलियो साल भर पहले के मुकाबले 13.7 फीसदी बढ़कर 7.34 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि जमा राशि 21 फीसदी बढ़कर 9.33 लाख करोड़ रुपये रही। बैंक के कुल फंसे ऋण 31 मार्च 2021 को घटकर 41,373 करोड़ रुपये रहे, जो पिछले साल के 41,409 करोड़ रुपये से कम हैं। बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 31 मार्च को 19.12 फीसदी के शानदार स्तर पर था, जो टियर-1 पूंजी का 18.06 फीसदी था।

First Published : February 13, 2022 | 11:04 PM IST