प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार देशभर में बुनियादी ढांचे के पुनरुद्धार के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने पिछले 11 वर्षों में एक ऐसा शासन मॉडल देखा है जो पारदर्शी, संवेदनशील और नागरिक-केंद्रित है।
कर्तव्य भवन का उद्घाटन करने के कुछ घंटों बाद कर्तव्य पथ पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह परियोजना अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ भारत के वैश्विक दृष्टिकोण का प्रतीक है। कर्तव्य भवन प्रस्तावित दस साझा केंद्रीय सचिवालय भवनों में से पहला है।
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उन्होंने कहा कि दशकों तक सरकार की प्रशासनिक मशीनरी ब्रिटिशकालीन इमारतों से कार्य करती रही, जहां काम करने की स्थिति खराब थी और जगह, रोशनी और हवा आने-जाने की कमी थी। उन्होंने कहा, ‘कर्तव्य भवन राष्ट्र के सपनों को साकार करने के संकल्प का प्रतीक है। यह विकसित भारत की नीतियों और दिशा का मार्गदर्शन करेगा।’
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक ही परिसर में लाना है ताकि प्रशासनिक कार्यकुशलता को बढ़ाया जा सके। साझा केंद्रीय सचिवालय भवनों में से कर्तव्य भवन-03 पहली इमारत है।