राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव | फाइल फोटो
बिहार में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के कुछ घंटों बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि पुराने मतदाता अपने युवाओं को राज्य में ‘जंगल राज’ के दौरान हुए ‘अत्याचारों’ के बारे में बताएं। प्रधानमंत्री शुक्रवार को समस्तीपुर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर बिहार में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे।
प्रधानमंत्री के रैली स्थल समस्तीपुर का अपना राजनीतिक महत्त्व है। पिछड़े वर्ग के प्रतीक रहे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने विधायक के तौर पर 1980-85 तक यहां का प्रतिनिधित्व किया था। पिछले साल जनवरी में केंद्र सरकार ने ठाकुर के शताब्दी वर्ष में उन्हें भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया। जदयू का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस समय इसके लिए केंद्र सरकार को बधाई दी थी और कुछ दिनों बाद ही ‘महागठबंधन’ से नाता तोड़कर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग गठबंधन में शामिल हो गए थे। इसके बाद लोक सभा चुनाव में भाजपा के बहुमत के आंकड़े से कम रहने के बाद जदयू ने तेलुगु देशम पार्टी के साथ मिलकर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनवाने में बड़ी भूमिका निभाई।
पिछले दो दशकों के दौरान सत्ता में रहते हुए जदयू-भाजपा गठबंधन ने 1990 से 2005 के दौर को कथित तौर पर ‘जंगल राज’ के रूप में मतदाताओं के सामने रखा, जब राज्य में या तो लालू प्रसाद या उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री रहीं। लेकिन 2005 के बाद से अधिकांश समय बिहार में राज करने वाले जदयू-भाजपा गठबंधन को युवाओं के लिए नौकरी के अवसर पैदा करने में विफल रहने और राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के आरोपों के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
समस्तीपुर रैली की पूर्व संध्या पर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ऑनलाइन वार्तालाप में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोग बिहार में ‘जंगल राज’ को और सौ वर्षों तक नहीं भूलेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव में युवा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने राजग के सत्ता में आने पर बिहार की महिलाओं के लिए सशक्तीकरण के एक नए युग का वादा किया। महागठबंधन के घटक दलों ने 243 सीटों में से कम से कम आठ पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए हैं। अब तक कांग्रेस नेतृत्व ने तेजस्वी यादव को गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित करने की राजद की मांग का विरोध किया था, क्योंकि उसे आशंका थी कि पर्याप्त (36 प्रतिशत) अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) और 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति के वर्ग इस घोषणा के साथ गठबंधन से दूर जा सकते हैं। कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने लालू प्रसाद के परिवार से कई दिन विचार-विमर्श कर मामले का हल निकाला।
यादव को सीएम चेहरा घोषित करने की रणनीति से कांग्रेस को उम्मीद है कि गठबंधन के भीतर खींचतान खत्म हो जाएगी। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी राज्य में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के फैसले के साथ हैं। पटना में मीडिया को संबोधित करते हुए गहलोत ने यह भी कहा कि यदि इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो बिहार की जटिल सामाजिक संरचना को ध्यान में रखते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी और समाज के अन्य वर्गों के नेता उप मुख्यमंत्री होंगे।
तेजस्वी यादव ने एक बार फिर उन पर विश्वास जताने के लिए अपने सहयोगियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘यह हमारे लिए कोई बड़ा मुद्दा नहीं था, लेकिन चूंकि मीडिया में इतनी अटकलें लगाई जा रही थीं, इसलिए हमने इसे स्पष्ट करने का फैसला किया।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार तेजस्वी को ‘जंगल राज का युवराज’ कहकर संबोधित कर चुके हैं। इस पर यादव ने कहा, ‘मैं बिहार के लोगों को बताना चाहता हूं कि तेजस्वी भ्रष्टाचार पर कभी समझौता नहीं करेगा। ’
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि राजग भी अपने मुख्यमंत्री चेहरे का नाम घोषित करे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि गठबंधन नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधान सभा चुनाव लड़ेगा, लेकिन विधायक तय करेंगे कि चुनाव के बाद शीर्ष पद पर कौन बैठेगा। बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कांग्रेस समेत गठबंधन सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार खड़े कर उन्हें अपने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया।