राजनीति

सिद्धरमैया को मिला कर्नाटक का ताज, डीके शिवकुमार होंगे डिप्टी सीएम व PCC चीफ

Published by
अर्चिस मोहन
Last Updated- May 18, 2023 | 11:55 PM IST

कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को मिली शानदार सफलता के बाद पिछले चार दिनों से ‘कौन बनेगा मुख्यमंत्री’ को लेकर चल रही रस्साकशी को सुलझाने में जुटे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को आखिरकार राहत मिल गई। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार शाम इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख डी के शिवकुमार से बात की जिसके बाद उन्हें पार्टी नेतृत्व का फॉर्मूला स्वीकार करने के लिए मनाया गया। इस तरह खरगे को सिद्धरमैया को राज्य का मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा करने के साथ ही, राज्य में नेतृत्व की खींचतान सुलझाने में मदद मिल गई।

दरअसल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का स्पष्ट मानना था कि कर्नाटक और देश में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी द्वारा पेश किए जाने वाले मूल्यों और मुद्दों के लिहाज से सिद्धरमैया बेहतर हैं और इसी वजह से पार्टी ने 75 वर्षीय नेता के पक्ष में फैसला किया।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक की जीत के बाद राहुल गांधी आश्वस्त हैं कि कांग्रेस को देश के गरीबों की पार्टी के रूप में फिर से स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा पार्टी का इरादा यह भी है कि उसे सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान की गई जाति जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने और पांच गारंटी के वादे को पूरा करने का स्पष्ट संदेश भेजना चाहिए।

चरवाहा समुदाय से आने वाले और पार्टी के मूल ओबीसी चेहरे सिद्धरमैया ने अहिंदा (एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के लिए कन्नड़ में संक्षिप्त नाम) सामाजिक गठबंधन को आकार दिया। नई सरकार में शिवकुमार ही एकमात्र उपमुख्यमंत्री होंगे बल्कि उन्हें महत्त्वपूर्ण मंत्री पद मिलेंगे और लोकसभा चुनाव तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी बने रहेंगे।

एक बार मुख्यमंत्री रहे सिद्धरमैया की राज्य के तहसील स्तर के अफसरशाहों के बीच एक अच्छा नेटवर्क है और वह इनकी मदद से कांग्रेस की पांच गारंटी को लागू करने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे। इसके अलावा, कांग्रेस ‘40 प्रतिशत वाली सरकार’ के मुद्दे पर विधानसभा चुनाव लड़ी थी और इसने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था ऐसे में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे शिवकुमार को शीर्ष पद देने पर गलत संदेश जाता।

पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने 14 मई को गुप्त मतदान कराया जिसमें सिद्धरमैया को 135 विधायकों में से अधिकांश का समर्थन मिला। गुरुवार दोपहर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के फैसले की घोषणा की।

वेणुगोपाल ने कहा, ‘स्पष्ट रूप से यह चुनाव कर्नाटक में गरीब बनाम अमीर था। हम विशेष रूप से उल्लेख करना चाहते हैं कि कर्नाटक के गरीब लोग कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े हैं और मध्यम वर्ग भी पार्टी के साथ है।’ सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद शनिवार को शपथ लेगी और कांग्रेस ने ‘समान विचारधारा वाले दलों’ के कई नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि यह फैसला सिद्धरमैया और शिवकुमार की जीत है जिन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया। पुराने मैसूर क्षेत्र में कांग्रेस का समर्थन करने वाले वोक्कालिगा समुदाय को यह संदेश देना आवश्यक था कि उनके नेता के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया गया है।

हालांकि, पार्टी ने कई उप मुख्यमंत्री के फॉर्मूले को खारिज किया जिसकी वजह से कुछ उम्मीदवार नाराज हैं। उपमुख्यमंत्री पद के आकांक्षी वरिष्ठ नेता जी परमेश्वर (71 वर्षीय) ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को आगाह किया कि अगर किसी दलित को उपमुख्यमंत्री का पद नहीं दिया गया तो इससे पार्टी के खिलाफ प्रतिकूल प्रतिक्रिया मिलेगी जिससे पार्टी को भविष्य में परेशानी होगी। पार्टी सूत्रों ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि शीर्ष नेतृत्व ने बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद देने जैसा कोई प्रस्ताव दिया है।

वेणुगोपाल ने कहा कि सत्ता साझेदारी का एकमात्र फॉर्मूला कर्नाटक के लोगों के साथ सत्ता साझा करना है। उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी लोकतांत्रिक पार्टी है। हम आम सहमति में विश्वास करते हैं, तानाशाही में नहीं।’

उन्होंने पिछले कुछ दिनों में हुई गहन चर्चा का भी जिक्र किया। वहीं शिवकुमार ने बाद में कहा, ‘पार्टी के व्यापक हित में मैं सहमत हो गया हूं।’ पार्टी अध्यक्ष खरगे ने भी सिद्धरमैया और शिवकुमार के साथ अपनी एक तस्वीर ट्वीट की।

First Published : May 18, 2023 | 11:06 PM IST