प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका कार्यालय लोगों की सेवा के लिए समर्पित संस्थान बन गया है। उन्होंने कहा कि यह उत्प्रेरक है, जो व्यवस्था में नई ऊर्जा और गति लाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएमओ को 10 साल पहले शक्ति का बहुत बड़ा केंद्र माना जाता था मगर अब ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मेरी कोशिश रही है कि पीएमओ लोगों की सेवा का अधिष्ठान हो। यह जनता का पीएमओ होना चाहिए। यह मोदी का पीएमओ नहीं हो सकता।’ मोदी ने कहा कि उनका जन्म सत्ता हासिल करने के लिए नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि उनका हर कार्य देश के 140 करोड़ लोगों की सेवा के लिए है। प्रधानमंत्री ने आज सुबह अपने तीसरे कार्यकाल की बागडोर संभाली और अधिकारियों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कल शाम देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।
सरकारी कर्मचारियों से अपनी अपेक्षाओं की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने अपनी टीम को पिछले 10 वर्षों में किए गए कार्यों से आगे जाकर वैश्विक मानकों से भी आगे निकल जाने के लिए प्रोत्साहित किया। मोदी ने कहा, ‘हमें देश को उन ऊंचाइयों पर ले जाना चाहिए जहां कोई अन्य देश न पहुंचा हो।’ मोदी ने कहा कि सफलता पाने के लिए विचारों में स्पष्टता, दृढ़ विश्वास और कार्य करने का तरीका जरूरी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोक सभा चुनाव में जीत ने सरकारी कर्मचारियों के पुरुषार्थ पर मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य ‘राष्ट्र प्रथम’ है और उनकी एकमात्र प्रेरणा ‘विकसित भारत’ है। उन्होंने चौबीसों घंटे काम करने का संकल्प लिया है ताकि भारत को 2047 तक विकसित देश बनाया जा सके। प्रधानमंत्री ने अपनी टीम से नए विचार लाने और काम के स्तर को बढ़ाने के लिए कहा।
अकेले मोदी सरकार नहीं चलाते बल्कि इसमें हजारों दिमाग साथ चलते हैं और अपनी जिम्मेदारियां निभाते हैं। उन्होंने कहा कि जनता इन क्षमताओं की भव्यता की गवाह बनती है। मोदी ने कहा कि उनकी टीम के लोगों के पास समय की कोई कमी नहीं है, सोचने की कोई सीमा नहीं है और कोशिश के लिए कोई पैमाने भी तय नहीं किए गए हैं।