बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के शुरुआती नतीजों में वही तस्वीर दिख रही है जो एग्जिट पोल में दिखी थी। ज्यादातर सर्वेक्षणों ने प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज के लिए 0 से 5 सीटों का अनुमान लगाया था, और शुरुआती रुझानों में भी पार्टी को कोई बढ़त मिलती नहीं दिख रही है।
चुनाव आयोग (ECI) के आंकड़ों के अनुसार जन सुराज किसी भी सीट पर आगे नहीं थी। शाम 3:15 बजे तक उपलब्ध रुझानों के आधार पर बिहार चुनाव 2025 की तस्वीर और भी स्पष्ट होती दिख रही है। NDA गठबंधन भारी बढ़त बनाए हुए है, जबकि महागठबंधन और अन्य दल पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) सबसे आगे है और 94 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इसके बाद NDA की सहयोगी पार्टी जदयू (JDU) दूसरी सबसे बड़ी पार्टी दिख रही है, जो 83 सीटों पर आगे है। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) शुरुआती चरणों में ही पीछे रह गया है और केवल 25 सीटों पर आगे चल रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) यानी LJP(RV) को 20 सीटों पर बढ़त हासिल है।
जन सुराज खुद को नई सोच और नए मॉडल की पार्टी के रूप में पेश कर रही थी। पार्टी संस्थापक प्रशांत किशोर, जो कई सफल चुनाव अभियानों की रणनीति बना चुके हैं, ने यह साफ कहा था कि बिहार का कोई भी युवा रोजगार के लिए राज्य छोड़ने पर मजबूर नहीं होना चाहिए।
पार्टी ने अपनी शुरुआत से ही यह वादा किया था कि वह बिहार में नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर बदलाव लाएगी। गांव-गांव जाकर किए गए जन संवादों का मकसद था लोगों की जरूरतों को समझना और समुदाय की मदद से लंबे समय की योजनाएं तैयार करना।
युवाओं में शुरुआत में जन सुराज को काफी समर्थन मिला था, लेकिन शुरुआती चुनावी नतीजों में इसका असर कम होता दिख रहा है।
बिहार की 243 सीटों पर चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में हुए। इस बार मतदान का प्रतिशत 67.13% रहा, जो 1951 के बाद सबसे ज़्यादा है। यह 2020 के मुकाबले लगभग 10% अधिक है, जब कुल मतदान 57.29% हुआ था। पहले चरण में 65.08% और दूसरे चरण में 68.76% वोटिंग हुई, जो इस बात का संकेत है कि मतदाताओं की भागीदारी इस बार काफी अधिक रही।