ट्रंप का झूठ पकड़ में आया! भारत-रूस को बताया ‘खत्म हो चुकी अर्थव्यवस्था’, लेकिन असली आंकड़े कर देंगे हैरान

ट्रंप ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाओं को 'डेड' बताया, लेकिन ग्लोबल डेटा और आर्थिक रैंकिंग्स उनके दावों से बिलकुल उलट हैं।

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वसुधा मुखर्जी   
Last Updated- July 31, 2025 | 3:23 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत से आने वाले सामानों पर 25% टैक्स लगाने और कुछ अलग से “पेनल्टी” देने का ऐलान किया। इसके कुछ ही घंटों बाद उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में भारत और रूस को “डेड इकॉनमी” यानी खत्म हो चुकी अर्थव्यवस्थाएं कह दिया। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और रूस आज भी भारत के लिए तेल और हथियारों का एक अहम सप्लायर है। उनके इस बयान के बाद भारत-अमेरिका और भारत-रूस के व्यापारिक रिश्तों पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि भारत के मौजूदा आर्थिक आंकड़े ट्रंप की बातों को पूरी तरह गलत साबित करते हैं।

ट्रंप ने कहा – “भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाएं खत्म हो चुकी हैं”

अपने एक बयान में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मुझे फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या कर रहा है। अगर वे अपनी कमजोर और खत्म हो चुकी अर्थव्यवस्थाओं के साथ डूबना चाहते हैं, तो ये उनकी मर्जी है।” ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिका का भारत के साथ बहुत कम व्यापार होता है, क्योंकि भारत में टैक्स (टैरिफ) बहुत ज़्यादा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां सबसे ज़्यादा टैक्स वसूला जाता है। रूस को लेकर ट्रंप बोले कि अमेरिका का रूस के साथ व्यापार बहुत ही कम है, लगभग ना के बराबर।

भारत अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

ट्रंप के दावे के उलट, भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की टॉप 5 में है। साल 2025 में भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए $4.19 ट्रिलियन की जीडीपी के साथ चौथा स्थान हासिल किया है। भारत अब केवल अमेरिका ($30.50 ट्रिलियन), चीन ($19.23 ट्रिलियन), और जर्मनी ($4.74 ट्रिलियन) से पीछे है। अनुमान है कि 2030 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और उसका जीडीपी $7.3 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है।

बीते दशक में भारत की अर्थव्यवस्था तीन गुना हुई

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2014–15 में जहां भारत की नॉमिनल जीडीपी ₹106.57 ट्रिलियन थी, वहीं 2024–25 में यह बढ़कर ₹331.03 ट्रिलियन हो गई। 2024–25 में रियल जीडीपी 6.5% और नॉमिनल जीडीपी 9.9% की दर से बढ़ी। ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) में भी 6.4% की रियल और 9.5% की नॉमिनल वृद्धि देखी गई। प्राइवेट फाइनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (PFCE) यानी घरेलू खपत जीडीपी का 61.8% हो गया है, जो 2002–03 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।

विदेशी निवेश और निर्यात में ऐतिहासिक वृद्धि

भारत में कुल एफडीआई निवेश दिसंबर 2024 तक ₹89.85 ट्रिलियन ($1.05 ट्रिलियन) पहुंच गया, जो साल 2000–01 की तुलना में 20 गुना ज्यादा है। वहीं, भारत का कुल निर्यात 2013–14 के $468 बिलियन से बढ़कर 2024–25 में $825 बिलियन हो गया है। इसमें मर्चेंडाइज़ एक्सपोर्ट $437 बिलियन और सर्विसेज एक्सपोर्ट $387 बिलियन रहा।

रूस की अर्थव्यवस्था भी स्थिर, भारत से मजबूत संबंध

आईएमएफ के मुताबिक रूस की अर्थव्यवस्था 2024 में $2.076 ट्रिलियन की रही, जिससे वह दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई। 2023 में रूस की जीडीपी ग्रोथ 5.9% रही और महंगाई दर 7.4% रही। रूस का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट कच्चा तेल और मिनरल प्रोडक्ट्स रहा, जो $260 बिलियन से ज्यादा का है। भारत और रूस के व्यापारिक रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। 2024–25 में दोनों देशों के बीच व्यापार $68.7 बिलियन तक पहुंच गया, जो कोविड-पूर्व $10.1 बिलियन के मुकाबले 6 गुना ज्यादा है। भारत ने रूस से $63.84 बिलियन का आयात किया, जबकि भारत का निर्यात $4.88 बिलियन रहा।

रूस में भारत के निवेश और ऊर्जा साझेदारी

भारत ने रूस में करीब $16 बिलियन का निवेश किया है, खासकर ऑयल एंड गैस, फार्मा और आईटी सेक्टर में। वहीं रूस का भारत में निवेश करीब $20 बिलियन है, जो ऊर्जा, स्टील और रेलवे जैसे क्षेत्रों में केंद्रित है। दोनों देशों का लक्ष्य है कि 2030 तक आपसी व्यापार $100 बिलियन और निवेश $50 बिलियन तक पहुंचे। भारत की कच्चे तेल की जरूरत का 35–40% हिस्सा अब रूस से आता है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने हाल ही में कहा था, “भारत वहां से तेल खरीदेगा जहां से ज़रूरत हो, ताकि भारतीय उपभोक्ता को फायदा हो।”

अमेरिका की पेनल्टी से भारत की ग्रोथ पर असर की आशंका

ब्रोकरेज फर्म नोमुरा और बार्कलेज ने चेतावनी दी है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ से भारत की 2025–26 की जीडीपी ग्रोथ पर 20–30 बेसिस प्वाइंट का असर हो सकता है। नोमुरा ने ग्रोथ अनुमान को 6.2% बनाए रखा है, लेकिन 0.2% की गिरावट की आशंका जताई है। बार्कलेज ने 30 बेसिस प्वाइंट की गिरावट की आशंका जताई है। अब अमेरिका में भारत से आयात पर औसतन 20.6% टैरिफ लग रहा है, जो पहले 2.7% था। स्टील, एल्यूमिनियम और ऑटो पार्ट्स पर यह टैरिफ 50% तक पहुंच गया है। इससे फार्मा, स्मार्टफोन, मशीनरी, ज्वेलरी, टेक्सटाइल जैसे भारत के प्रमुख निर्यात सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं। अभी फार्मा को छूट मिली हुई है, लेकिन ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि इस पर भी भविष्य में 200% का टैरिफ लगाया जा सकता है।

भारत कर रहा है व्यापारिक साझेदारी का विस्तार

इन चुनौतियों के बीच भारत ने यूके के साथ एक बहुप्रतीक्षित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) साइन कर लिया है और यूरोपीय संघ, ओमान, चिली और न्यूजीलैंड के साथ बातचीत जारी है। भारत ASEAN FTA की समीक्षा भी कर रहा है ताकि ज्यादा बाज़ार पहुंच मिल सके।

First Published : July 31, 2025 | 3:23 PM IST