प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की पुनर्निर्मित समाधि का लोकार्पण करते हुए उत्तराखंड के लिए एक दशक के विकास तथा राज्य से पलायन की समाप्ति की भविष्यवाणी की।
पुजारियों और श्रद्धालुओं की एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत में आस्था के केंद्रों का पुनर्विकास आदि गुरु शंकराचार्य और स्वामी विवेकानंद जैसे प्राचीन संतों और दार्शनिकों में देश के बढ़ते गौरव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में सदियों बाद उसकी महिमा को पुनस्र्थापित करने के लिए भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जबकि काशी में विश्वनाथ धाम परियोजना का काम पूरा होने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तेज गति से हो रहे आधारभूत सुविधाओं के विकास और राज्य सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों को देखते हुए 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। केदारनाथ में पूजा-अर्चना तथा आदि शंकराचार्य की मूर्ति के अनावरण एवं उनकी समाधि के लोकार्पण सहित 400 करोड़ रुपये के पुनर्निर्माण कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि की असीम संभावनाओं पर विश्वास करते हुए उत्तराखंड सरकार विकास के महायज्ञ में जुटी हुई है।
मोदी ने कहा कि चारधाम सड़क परियोजना, केदारनाथ तक कार से आने के लिए परियोजना, हेमकुंड साहिब की यात्रा आसान करने के लिए रज्जू मार्ग बनाने की तैयारी, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग को सुगम बनाने जैसी परियोजनाओं से प्रदेश और उसके पर्यटन को बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है। उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री ने कहा ‘उत्तराखंड के लोग मेरे इन शब्दों को लिखकर रख लें। जिस तेज गति से बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है और पिछले 100 साल में जितने यात्री यहां आए हैं, आने वाले 10 सालों में उससे भी ज्यादा आएंगे।’ उन्होंने कहा ‘आप कल्पना कर सकते हैं कि यहां की अर्थव्यवस्था को कितनी बड़ी ताकत मिलने वाली है। 21वीं शताब्दी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक है। मेरे शब्द लिखकर रखिए। मैं पवित्र धरती से बोल रहा हूं।’
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार रिकॉर्ड तोड़ रही है और अगर कोविड न होता तो यह संख्या और ज्यादा होती। उत्तराखंड की मातृशक्ति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रदेश में छोटे-छोटे धामों में होम स्टे बन रहे हैं जिससे रोजगार भी मिलेगा और स्वाभिमान से जीने का अवसर भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यहां की सरकार विकास कार्यों में जुटी है और ‘पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती’ की कहावत को उन्होंने बदल दिया है।
