सर्वशिक्षा अभियान के वर्षों बाद भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सबको साक्षर बनाने की कवायद खोखली साबित हो रही है।
इस दिशा में फरीदाबाद में कुछ हद तक तस्वीरें साफ है और यहां खासकर महिलाओं को शिक्षित करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। साइबर सिटी गुड़गांव की बात करें, तो वहां भी सर्वशिक्षा अभियान के जरिये अपेक्षित सफलता नही पाई जा सकी है।
गाजियाबाद में भी कमोबेश यही हाल है, जबकि गाजियाबाद को एजुकेशन हब के रूप में जाना जाता है। गुड़गांव में घूमंतु और बाल श्रम में झोंके गए बच्चों की पढ़ाई के लिए करीब 120 विद्यालयों की स्थापना की गई थी। लेकिन आज आलम यह है केवल आठ ऐसे केंद्रों पर ही औपचारिक शिक्षा प्रदान की जा रही है।
गाजियाबाद में अन्य राज्यों से भी विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण करने आते हैं और इसके बावजूद जिले की साक्षरता दर 69 फीसदी है। आंकड़ों की मानें, तो पिछले वर्ष जिले में 3500 बच्चे निरक्षर पाए गए थे, जिसकी संख्या इस साल घटकर 2500 के करीब रह गई है।
जिला ज्ञान प्रकाश साक्षरता समिति के अभियान के जरिये महिलाओं को साक्षर बनाने की कोशिश की जा रही है। गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट दीपक अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि गाजियाबाद में शिक्षा प्रसार को पूरी प्राथमिकता दी जा रही है।