दिशेरगढ़ पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड (डीपीएससी) में 57.17 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली जमा करने की आखिरी तारीख भले ही 26 फरवरी तय की गई है, पर मौजूदा हिस्सेदार कलकत्ता उच्च न्यायालय का फैसला आने तक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच सकते हैं।
एंड्रयू यूल लिमिटेड (एवाईएल) जिसके पास कंपनी की 15 फीसदी हिस्सेदारी है, समेत दूसरे हिस्सेदारों को अदालत के फैसला आने तक रुकने के अलावा कोई चारा नहीं है। कंपनी लॉ बोर्ड ने अंतरिम आदेश में डेस्कॉन को शेयर खरीद का पहला अधिकार दिया था। डेस्कॉन की डीपीएससी में 32 फीसदी हिस्सेदारी है।
पर अब डीपीएससी के दूसरे हिस्सेदार तब तक अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच सकते जब तक उच्च न्यायालय लॉ बोर्ड के फैसले को पलटते हुए कोई आदेश जारी नहीं कर देता है।
एवाईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कल्लोल दत्ता ने बताया कि पहले बोली जमा कराने की आखिर तारीख 20 फरवरी थी, जिसे बढ़ाकर 26 फरवरी कर दिया गया है। डीपीएससी पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमा पर स्थित कोयला खनन और स्टील संयंत्रों को ऊर्जा की आपूर्ति करती है।