दिल्ली: रखरखाव शुल्क देने वाले उद्यमियों को संपत्ति कर में राहत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 3:31 PM IST

दिल्ली नगर निगम के तमाम शुल्क से परेशान औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को संपत्ति कर में कुछ राहत मिल सकती है। यह छूट ऐसी औद्योगिक संपत्तियों पर संपत्ति कर में मिलेगी, जिनके लिए उद्यमी रखरखाव या मरम्मत शुल्क डिडोम कानून के तहत दे रहे हैं। इसका लाभ नरेला व बवाना के करीब 20 हजार उद्यमियों को मिल सकता है।

दिल्ली नगर निगम द्वारा गठित निगम मूल्यांकन समिति (एमवीसी)-5 ने औद्योगिक संपत्ति के संबंध में एक सिफारिश यह भी की गई है कि ऐसी औद्योगिक संपत्तियों पर संपत्ति कर में 30 फीसदी छूट दी जाए, जिन संपत्तियों को रखरखाव या मरम्मत के लिए दिल्ली राज्य औद्योगिक अवसंरचना व विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) को  शुल्क  भुगतान करना होता है। यह भुगतान डिडोम कानून के तहत किया जाता है। इसके साथ ही मूल्यांकन समिति ने दूसरी नागरिक सुविधाओं के लिए अन्य एजेंसियों को शुल्क देने वालों को भी संपत्ति कर में 30 फीसदी छूट देने की सिफारिश की है।
औद्योगिक संपत्तियों को संपत्ति कर में 30 फीसदी छूट का लाभ फिलहाल नरेला-बवाना औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को ही मिल सकता है।

लघु उद्योग भारती दिल्ली इकाई के सचिव संजय गौड़ कहते हैं कि औद्योगिक संपत्ति कर में 30 फीसदी छूट उन्हीं औद्योगिक संपत्तियों को मिलेगी, जो एक क्षेत्र के अंदर मरम्मत व रखरखाव के लिए भुगतान करती है। दिल्ली के अंदर पीपीपी मॉडल पर नरेला और बवाना औद्योगिक क्षेत्रों में ही फिलहाल डिडोम कानून के तहत मरम्मत के शुल्क का भुगतान डीएसआईआईडीसी को उद्यमियों द्वारा किया जाता है। इसलिए निगम मूल्यांकन समिति-5 की इस 30 फीसदी छूट का लाभ नरेला और बवाना के उद्यमियों को ही मिल सकता है।

गौड़ ने कहा कि ऐसे कई औद्योगिक क्षेत्र या उद्यमियों का समूह हैं, जिनमें उदयमी आपसी सहयोग से कूडा एक जगह एकत्रित करवाते हैं और इसके लिए शुल्क भी देते हैं। ऐसे में इनको भी संपत्ति कर में छूट मिलनी चाहिए। एमवीसी-5 के तहत औद्योगिक संपत्ति पर संपत्ति कर में 30 फीसदी छूट तो नरेला-व बवाना के ही उद्यमियों को मिलेगी। लेकिन एमवीसी-5 द्वारा संपत्ति कर में 37 फीसदी इजाफे की सिफारिश का बोझ सभी संपत्ति करदाताओं पर पडेगा। 

First Published : September 16, 2022 | 7:13 PM IST