UPI से लेनदेन की रिकॉर्ड संख्या, अगस्त में 20.61 लाख करोड़ रुपये का हुआ ट्रांजैक्शन: NPCI

अगस्त में तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) से लेनदेन की संख्या बीते माह की तुलना में 8 फीसदी गिरकर 45.3 करोड़ हो गई जबकि यह जुलाई में 49 करोड़ थी।

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शाइन जेकब   
Last Updated- September 01, 2024 | 10:54 PM IST

UPI August Transaction: अगस्त में एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) से लेनदेन की संख्या 3 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 14.96 अरब तक पहुंच गई, जबकि यह जुलाई में 14.44 अरब थी। संख्या बढ़ने के बावजूद यूपीआई लेनदेन के मूल्य में गिरावट आई। मूल्य के लिहाज से अगस्त में लेनदेन गिरकर 20.61 लाख करोड़ रुपये का रहा जबकि यह जुलाई में 20.64 लाख करोड़ रुपये का था। अप्रैल 2016 के बाद से यूपीआई के शुरू होने के बाद से इस अगस्त में लेनदेन की संख्या सर्वाधिक उच्च स्तर पर रही।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के रविवार को जारी आंकड़े के मुताबिक अगस्त, 2024 में यूपीआई से लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 41 फीसदी और मूल्य के संदर्भ में सालाना आधार पर 31 फीसदी बढ़ी। जून 2024 में लेनदेन की संख्या 13.89 अरब और मूल्य 20.07 लाख करोड़ रुपये था।

अगस्त में तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) से लेनदेन की संख्या बीते माह की तुलना में 8 फीसदी गिरकर 45.3 करोड़ हो गई जबकि यह जुलाई में 49 करोड़ थी। अगस्त में आईएमपीएस से लेनदेन का मूल्य 3 फीसदी गिरकर 5.78 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि यह जुलाई में 5.93 लाख करोड़ रुपये हो गया। जून महीने में लेनदेन की संख्या 51.7 करोड़ और मूल्य 5.78 लाख करोड़ रुपये था।

अगस्त में बीते साल की इस अवधि की तुलना लेनदेन की संख्या में 7 फीसदी की गिरावट आई और मूल्य में 12 फीसदी का इजाफा हुआ। अगस्त माह में फॉस्टैग से लेनदेन की संख्या 2 फीसदी बढ़कर 32.9 करोड़ हो गई जबकि यह संख्या जुलाई में 32.3 करोड़ थी। हालांकि मूल्य के संदर्भ में थोड़ा इजाफा हुआ।

अगस्त में फॉस्टैग से लेनदेन का मूल्य 5,611 करोड़ रुपये था जबकि यह जुलाई में 5,578 करोड़ रुपये था। जून में फॉस्टैग से लेनदेन की संख्या 33.4 करोड़ और मूल्य 5,780 करोड़ रुपये था। इस साल अगस्त में अगस्त 2023 की तुलना में मूल्य में 7 फीसदी और मूल्य में 8 फीसदी की वृद्धि हुई।

अगस्त में आधार आधारित भुगतान प्रणाली (AePS) से लेनदेन की संख्या 3 फीसदी बढ़कर 10 करोड़ हो गई जबकि यह संख्या जुलाई में 9.7 करोड़ और जून में 10 करोड़ थी।

First Published : September 1, 2024 | 10:53 PM IST