उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में बीते चार दशकों से लंबित सरयू नहर परियोजना आखिरकार पूरी हो गई है। अवध के 9 जिलों के 14 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने वाली इस परियोजना कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे।
सरयू नहर सिंचाई परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल के साथ ही बस्ती मंडल के जिले के 40 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। इस परियोजना के लिए पांच नदियों को जोड़ कर उनका पानी नहरों में लाया गया है। आजाद भारत की इस सबसे बड़ी और लंबी नहरों वाली सिंचाई परियोजना की लागत 9,802 करोड़ रुपये है।
सरयू नहर परियोजना के पूरा होने व उद्घाटन कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि यह योजना वर्ष 1972 में बन गई थी पर इस पर काम की शुरुआत 1978 में हुई। शुरुआत में केवल देवीपाटन मंडल के दो-तीन जिलों में ही इस योजना का विस्तार था पर वर्ष 1982 में इसको विस्तार दिया गया और इसे 9 जिलों तक फैलाया गया। उन्होंने कहा कि 1978 से 2017 तक 40 वर्षो में इस पूरी योजना पर केवल 52 फीसदी काम हो पाया था। बाकी लगभग 48 फीसदी काम 2017 से 2021 के बीच में हुआ है।
उन्होंने कहा कि 9 जिलों में फैली सरयू नहर परियोजना की लंबाई 6,623 किलोमीटर है। इसके तहत पांच नदियों घाघरा को सरयू से, सरयू से राप्ती को, राप्ती से बाढग़ंगा से, बाढग़ंगा को रोहणी नदी के साथ जोड़ते हुए यह पूरी नहर प्रणाली तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना नदी जोड़ो अभियान का भी बेहतरीन उदाहरण होने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में 14.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती करने वाले 30 लाख किसानों को लाभ पहुंचाएगी। सरयू नहर परियोजना का लोकार्पण प्रधानमंत्री के हाथों शनिवार को बलरामपुर जिले में होगा जहां बैराज का निर्माण किया गया है और नहर की शुरुआत हो रही है। इससे पहले यहां घाघरा नदी को सरयू से जोड़ते हुए नहर आ चुकी है जहां ये अब यह आगे बढ़ेगी।
