उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के नोएडा और गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क बनाएगी। मेडिकल डिवाइस पार्क , टॉय पार्क, टेक्सटाइल पार्क और लेदर पार्क के साथ ही यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) नोएडा में प्लास्टिक प्रॉसेसिंग पार्क भी विकसित करेगा। नोएडा में पार्क 100 एकड़ में विकसित किया जाएगा, जबकि ऐसा ही एक पार्क गोरखपुर में भी 52 एकड़ में स्थापित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में स्थापित किए जाने वाले इन प्लास्टिक प्रॉसेसिंग पार्कों से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और प्रदेश में प्लास्टिक इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। अगले 10 साल में प्लास्टिक की कई गुना बढऩे वाली मांग को संज्ञान लेते हुए ही प्रदेश सरकार ने राज्य में इन प्लास्टिक प्रॉसेसिंग पार्क की स्थापना की कार्यवाही शुरू की है।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह के मुताबिक, ऑल इंडिया प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन ने यीडा के क्षेत्र में प्लास्टिक प्रॉसेसिंग पार्क की स्थापना का आग्रह किया था। इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति जताते हुए यीडा के सेक्टर 10 में प्लास्टिक पार्क विकसित करने का फैसला किया गया। इस पार्क में 20 से अधिक निवेशकों ने निवेश करने संबंधी प्रस्ताव दिए हैं। इन निवेशकों ने यहां मेडिकल उपकरण, कृषि संबंधी उपकरण, पीवीसी पाइप, पैकेजिंग तथा प्लास्टिक फर्नीचर आदि बनाने के प्रस्ताव दिए हैं। इन निवेशकों से प्राधिकरण ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है।
यीडा के अधिकारियों का कहना है कि यहां जेवर एयरपोर्ट के बनने के फैसले के बाद से अब तक 1942 निवेशकों को उद्यम स्थापित करने के लिए भूमि उपलब्ध कराई गई है। यह 1942 निवेशक 17272.74 करोड़ रुपये का निवेश कर अपनी फैक्टरी स्थापित कर रहे हैं।
इन निवेशकों के फैक्टरियों में 2.65 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। यीडा में हो रहे इस निवेश में सबसे अधिक रोजगार जेवर एयरपोर्ट, मेडिकल डिवाइस पार्क , फिल्म सिटी, टॉय पार्क , लेदर पार्क और प्लास्टिक प्रॉसेसिंग पार्क में लोगों को मिलेगा। सबसे अधिक नौकरियां जेवर एयरपोर्ट से लोगों को मिलगी। इसके बाद सेक्टर-28 में 350 एकड़ जमीन पर 5250 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क में 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
फिल्म सिटी में 15 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। टॉय पार्क और लेदर पार्क में भी दस हजार से अधिक लोग रोजगार पाएंगे। इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक सिटी भी हजारों लोगों को रोजगार मुहैया कराएगी। प्लास्टिक प्रोसेसिंग पार्क में भी दो हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी प्रकार गोरखपुर के प्लास्टिक पार्क में 100 से ज्यादा प्लास्टिक की इकाइयां लगने की संभावना है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा इस पार्क में प्लास्टिक पर शोध करने और प्लास्टिक के रिसाइक्लिंग करने के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) 5 एकड़ जमीन में टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएगी।
गौरतलब है कि पूरे संसार में प्लास्टिक की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए ऑल इंडिया प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन लगातार यीडा क्षेत्र में प्लास्टिक उद्योगों के लिए योजना लाने का आग्रह कर रहा था।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि प्लास्टिक की बढ़ती डिमांड को देखते हुए वर्ष 2030 तक प्लास्टिक की डिमांड 5 से 6 गुना तक बढ़ सकती है। ऐसे में भविष्य की जरूरत को पूरा करने को नई इंडस्ट्री लगना जरूरी है। यीडा क्षेत्र में नई-नई इंडस्ट्री लग रही हैं। प्लास्टिक इंडस्ट्री भी स्थापित होने से क्षेत्र की लोकप्रियता में इजाफा तो होगा ही, इस क्षेत्र में यह प्रोजेक्ट (प्लास्टिक प्रॉसेसिंग पार्क ) निश्चित रूप से सफल होगा।
