पॉलिथीन बैग पर पाबंदी के बाद दिल्ली में पेपर, जूट व कपड़े के बैग के कारोबार की रफ्तार तेज हो रही है। अगले माह तक इनके कारोबार में 25-30 फीसदी तक की बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
बैग निर्माताओं में सबसे अधिक फायदा जूट बैग के निर्माताओं को होने जा रहा है। पॉलिथीन बैग पर प्रतिबंध के बाद जूट बैग निर्माता सस्ते बैग के निर्माण में जुट गए हैं।
उनका कहना है कि प्लास्टिक बैग के मुकाबले जूट बैग की उत्पादन लागत 100-300 फीसदी तक अधिक होती है। बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए उन्हें 1-2 रुपये वाले जूट बैग का उत्पादन करना होगा।
प्रति माह 350 लाख जूट बैग बनाने की क्षमता रखने वाले एमआर इंटरप्राइजेज के एमडी पंकज खेरा कहते हैं, ‘दो-तीन बार इस्तेमाल करने एवं पानी पड़ने के बाद बदबू की शिकायत आने के कारण विदेशों में भारत का जूट बाजार कम होता जा रहा है। लेकिन भारत में ऐसी समस्या नहीं होगी और अगले माह तक जूट बैग के बाजार में 25 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है।’
वहीं बायो डिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग निर्माताओं इस पशोपेश में हैं कि उन्हें अमेरिकी मानक के मुताबिक प्लास्टिक बैग का निर्माण करना है या फिर भारत के आईएसओ 17088 की शर्तों के मुताबिक।
बॉयो डिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग के एक निर्माता ने बताया कि उनके पास बैग निर्माण की जानकारी के लिए ग्राहक लगातार पूछताछ कर रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से स्थिति साफ नहीं होने के कारण वे फिलहाल ऑर्डर नहीं ले रहे हैं।
