महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को नए दिशानिर्देश जारी किए जिसमें टीके की दोनों खुराक लगाने वाले घरेलू हवाई यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। राज्य ने तीन देशों, बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बॉब्वे के यात्रियों के लिए सात दिनों के अनिवार्य संस्थागत क्वारंटीन लगाने का भी फैसला किया है।
दिशानिर्देशों में यह बदलाव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के उस दबाव के बाद हुआ है जिसमें राज्य से कहा गया कि वह केंद्र के अनुरूप ही अपनी नीतियां बनाए। यूरोप सहित करीब 11 जोखिम वाले देशों/क्षेत्रों के यात्रियों को क्वारंटीन करने के लिए होटल के कमरों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है और इससे भी निर्णय प्रभावित हुए हैं।
अपने नए दिशानिर्देशों में राज्य ने तीन अफ्रीकी देशों को ‘उच्च जोखिम’ देश के रूप में वर्गीकृत किया है। तीन अधिक जोखिम वाले देशों से आने वाले ऐसे सभी यात्रियों को आरटी-पीसीआर जांच कराने के बाद सात दिनों का अनिवार्य संस्थागत क्वारंटीन और सात दिन बाद दूसरी आरटी-पीसीआर से गुजरना होगा। नकारात्मक नतीजे आने की स्थिति में ऐसे यात्रियों को सात दिन और घर में क्वारंटीन में रहना होगा। यह नियम उन लोगों पर भी लागू होगा जिन्होंने पिछले पंद्रह दिनों में तीनों देशों की यात्रा की है।
सरकार ने विमानन कंपनियों और ट्रैवल कंपनियों को राहत देते हुए टीके की दोनों खुराक लेने वाले घरेलू यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच को अनिवार्य नहीं करने का फैसला किया है। मुख्य सचिव देवाशीष चक्रवर्ती की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘घरेलू हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को या तो टीके की दोनों खुराक लेनी होगी या अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर जांच का प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से ले जाना होगा जिसमें बोर्डिंग के 72 घंटे के भीतर जांच के नतीजे निगेटिव होने चाहिए।’
बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को लिखे अपने पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भूषण ने केंद्र और राज्य के नियमों के बीच अंतर की ओर संकेत दिया। भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र के नियम, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी और दिशानिर्देशों से अलग थे और उन्होंने राज्य से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया ताकि देश भर में एक-समान दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
बुधवार दोपहर नागरिक एवं राज्य के अधिकारी, केंद्र की तरफ से सुझाव जारी होने के बाद पहले के दिशानिर्देशों की समीक्षा करने के लिए इक_े हुए। नागरिक अधिकारियों के एक वर्ग ने सुझाव दिया कि केंद्रीय दिशानिर्देशों को लागू करना आसान होगा क्योंकि इससे लक्षण वाले यात्रियों की पहचान करना और उनकी निगरानी करना आसान होगा। यूरोप से दिल्ली या बेंगलूरु के रास्ते मुंबई की यात्रा करने वाले यात्रियों की अनिवार्य संस्थागत क्वारंटीन खत्म करने की संभावना पर भी चर्चा की गई।
वहीं दूसरी ओर, सख्त उपायों पर जोर देने वालों ने बताया कि कोविड-19 मामलों के तेजी से राज्य को फिर से लॉकडाउन लागू करना पड़ सकता है। यह भी सुझाव दिया गया था कि शहर में यात्रा की मांग, शादी के मौसम और आयोजनों को देखते हुए सभी यात्रियों को क्वारंटीन करने के लिए होटल के पर्याप्त कमरे उपलब्ध नहीं हो सकते हैं।
