राज्य के सभी नागरिकों के बैंक खाते खुलवाने वाला पहला राज्य बनने के बाद हिमाचल प्रदेश अब एक और पहल करने जा रहा है।
राज्य सरकार अब यह सुनिश्चित करेगी कि सभी ग्रामीणों को बिना किसी अवरोध के ऋण मुहैया कराया जा सके। उम्मीद है कि यह काम 31 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। अगर ऐसा हो जाता है तो हिमाचल प्रदेश राज्य के सभी नागरिकों को यह सुविधा देने वाला भी पहला राज्य बन जाएगा।
बैंकों के इस प्रस्तावित कदम से ग्रामीणों को उनके रोजमर्रा के खर्च उठाने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे ग्रामीणों को साहूकारों से अधिक ब्याज दर पर ऋण नहीं लेना पड़ेगा।
फरवरी के मध्य तक लगभग 89 फीसदी ग्रामीणों के इस योजना के तहत ऋण अकाउंट खुलवा दिए गए हैं। उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले बाकी का काम भी पूरा कर लिया जाएगा।
यूको बैंक के क्षेत्र महाप्रबंधक रिपन मुरगाई ने बताया, ‘ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अधिकतर लोगों के पास बैंकों से ऋण लेने की सुविधा नहीं थी। इसीलिए राज्य स्तरीय बैंक समिति की बैठक में किसानों को केसीसी, जीसीसी के जरिए ऋण मुहैया कराने का फैसला किया गया था।
इस सुविधा का फायदा उठाकर वह आराम से बैंकों से ऋण ले सकते हैं। इससे वह साहूकारों से अधिक ब्याज दर पर ऋण लेने से बच जाएंगे।’ उन्होंने बताया, ‘हमें उम्मीद है कि हम मार्च के अंत तक पूरी ग्रामीण जनता को इस सेवा के दायरे में ला पाएंगे।’
यूको बैंक के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में लगभग 1,078,332 परिवार हैं। इनमें से करीब 1,005,442 परिवार ही ऋण देने की सारी शर्तों को पूरा करते हैं। उन्होंने बताया, ‘फरवरी के मध्य तक लगभग 890,951 घरों को केसीसी, जीसीसी के तहत ऋण मुहैया कराने के दायरे में लाया जा चुका है।
करीब 44,721 परिवार कई कारणों से यह सुविधा नहीं लेना चाहते हैं। इसीलिए हम मार्च के अंत तक बाकी बचे 114,491 परिवारों को इस सुविधा के दायरे में लाना चाहते हैं।’ भविष्य की योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य अगले साल मार्च तक राज्य के सभी लोगों तक इस सुविधा को पहुंचाना है।’
बस थोड़ा सा इंतजार और
ऋण देने योग्य परिवार 10,05,442
सुविधा दिए गए परिवार 8,90,951
परिवार जिन्हें इस योजना में रुचि नहीं 44,721
बचे हुए परिवारों की संख्या 1,14,491