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गांधीगीरी की राह पर मुंबई लोकल ट्रेन के ड्राइवर

Last Updated- December 08, 2022 | 9:45 AM IST

मुंबई की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली लोकल (उपनगरीय रेल) को चलाने वाले मोटरमैन गुरुवार से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर जा रहे हैं।


इस भूख हड़ताल का लोकल की चाल पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि मोटरमैन बिना खाये-पिये ही लोकल को चलाने की बात कर रहे हैं। इन लोगों में सबसे ज्यादा नाराजगी काम के घंटों को लेकर है।

पश्चिम रेलवे मोटरमेंस एसोशिएशन द्वारा बुलाई गई इस हड़ताल में लोकल को चलाने वाले सभी मोटरमैन शामिल हैं। इनकी प्रमुख मांगों में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को सही तरीके से लागू करना, मोटरमैन की सही तरह से शेडयूलिंग, सुरक्षा की बढ़ती जिम्मेदारी को देखते हुए सहायक मोटरमैन की तैनाती और नियम 4.35 ई को सही करना है।

पश्चिम रेलवे मोटरमैन एसोसिएशन के प्रवक्ता बी एस रात के अनुसार चर्चगेट से विरार व पुन: चर्चगेट तक, पीने के पानी और पेशाब करने जैसी अवश्यक सुविधाओं तक की सरकार ने कोई व्यवस्था उनके लिए नहीं की है।

इसके अलावा जिस तरह से उनके काम की अवधि तय की जाती है उससे उन्हे 24 घंटे में चार घंटे भी सोने को नहीं मिलता है।

मोटरमैन का काम कभी भी 10 से 12 घंटे से कम नहीं होता है, ऊपर से काम खत्म होने के बाद भी रोक कर रखा जाता है जिससे मोटरमैन मानसिक रूप से परेशान रहता है।

उनका कहना है कि यह सिर्फ मोटरमैन की सुविधा की बात नहीं कह रहे हैं यह सवाल लोकल में सफर करने वाले हर व्यक्ति के लिए हमने उठाया है।

पहले ट्रेन चलने के पहले गार्ड सिग्नल चेक करता था फिर मोटरमैन को चलने का इशारा करता था लेकिन सरकार ने 4.35 ई नियम लाकर इसे खत्म कर दिया है।

अब पूरी जिम्मेदारी मोटरमैन की रहती है, काम का दबाव और थकान के चलते यदि किसी मोटरमैन से भविष्य में कोई मानवीय भूल हो गई तो 5000 यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है क्योंकि एक लोकल में लगभग पांच हजार लोग सवार रहते हैं।

दूसरी ओर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल पर जाने की कोई जरुरत नहीं है। इन लोगों का शेडयूल इन्ही के द्वारा चुने गए लोग बनाते हैं। जिनको हटाने का मतलब है कि कल से ये सभी कर्मचारी फिर से झंडा लेकर रेलवे के पास खड़े हो जाएंगे।

इस पर बीएस रात कहते हैं कि दरअसल यह रेलवे अधिकारियों और यूनियन नेताओं की मिली भगत है। पश्चिम रेलवे में इस समय मुख्य रुप से वेस्टन रेलवे इम्पालइज यूनियन और वेस्टन रेलवे मजदूर यूनियन काम कर रहे हैं। इनके द्वारा नियुक्त किये गए लोग मोटरमैन की डयूटी लगाते हैं जिनको रेलवे सुरक्षा की कोई जानकारी नहीं है ।

इस बात को लेकर मोटरमैनों ने अपने को इन मजदूर यूनियनों से अलग करके अपनी नई यूनियन पश्चिम रेलवे मोटरमैन्स एसोशिएशन बना ली है।

इनका कहना है कि रेलवे हम लोगों के बीच से हमारी डयूटी लगाने के लिए किसी को नियुक्त करे, न कि किसी ऐसे आदमी को जिसको रेलवे की कोई जानकारी ही नहीं है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव के अनुसार आम मुंबईकर के लिए यह खुशी की बात हो सकती है कि लोकल की चाल रुकने वाली नहीं है लेकिन कल यह ध्यान देना होगा कि उनकी सुरक्षा के लिए ही हम भूखे रहकर टे्रन चला रहे हैं।

First Published - December 17, 2008 | 8:52 PM IST

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