उत्तर प्रदेश सरकार ने ललितपुर जिले मे 30 मेगावॉट का जल विद्युत संयंत्र लगाने का फैसला किया है।
राज्य कैबिनेट की गुरुवार को हुई बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दे दी गयी है। साथ ही राज्य के कर्मचारियों की केंद्र के समान पेंशन में संशोधन की पुरानी मांग भी मान ली गयी है।
मायावती की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जल विद्युत परियोजना को बनाने और संचालन का काम उत्तर प्रदेश सरकार का उपक्रम जल विद्युत निगम को देने का भी फैसला किया गया है। इस संयत्र की स्थापना ललितपुर के डाकुआ नामक स्थान पर की जाएगी।
कैबिनेट की बैठक के अन्य फैसलों में अहम राज्य कर्मचारियों के पेंशन में संशोधन है। इस फैसले के बाद राज्य सरकार के 11 लाख से भी ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्र की तर्ज पर पेंशन मिलेगा। राज्य सरकार के मुताबिक अब से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन के रूप में उनके अंतिम वेतन का आधा तो कम से कम मिलेगा ही।
राज्य सरकार ने पेंशन और वेतन की बढ़ी हुई राशि के लिए अतिरिक्त प्रावधान बजट पेश करते समय पूरक अनुदान मांगों में कर दिया था। राज्य सरकार ने इस साल के लिए बजट पेश करते समय 4,662 करोड़ रुपये की पूरक अनुदान मांगे भी पेश की थीं।
एक और फैसले में राज्य सरकार ने उसर भूमि सुधार परियोजना के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी है। विश्व बैंक की मदद से चलने वाली इस परियोजना में 1.6 लाख हेक्टेयर उसर भूमि का सुधार कर उसे खेती के लायक बनाया जाएगा ।
जबकि बुंदेलखंड के बीहड़ों में भी 0.05 लाख हेक्टेयर जमीन का सुधार किया जाएगा। इस परियोजना में विश्व बैंक 56 फीसदी खर्च उठाएगा जबकि राज्य सरकार की भागीदारी 16 फीसदी की होगी। राज्य कैबिनेट ने नोएडा में एक उच्च स्तरीय तकनीकी संस्थान खोलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।