बदले से नजर आएंगे मप्र के हवाई अड्डे

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:37 PM IST


केन्द्रीय कार्मिक एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री सुरेश पचौरी ने आज उम्मीद जताई कि इंदौर और भोपाल के हवाई अड्डों को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्रदान किया जा सकता है। लेकिन इससे पहले इन हवाई अड्डों को तय पैमानों पर पूरी तरह खतरा उतरना होगा। पचौरी इंदौर के देवी अहिल्या बाई होलकर हवाई अड्डे की विस्तारीकरण परियोजना के शिलान्यास से जुड़े समारोह को संबोधित कर रहे थे।



उन्होंने कहा कि इंदौर और भोपाल के हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिए जाने की जरूरत लंबे वक्त से महसूस की जा रही है। केन्द्र सरकार इस सिलसिले में पूरी संजीदगी से कदम उठा रही है।

उन्होंने कहा, ‘जहां तक इंदौर और भोपाल के हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने का सवाल है केन्द्र की ओर से कोई अड़चन नहीं है। दरकार बस इतनी है कि यह हवाई अड्डे तय पैमानों पर खरे उतरें। प्रदेश के हवाई अड्डों के विस्तारीकरण का काम जारी है और मुझे उम्मीद है कि यह जल्द पूरा हो जाएगा।‘


 


इस मौके पर एएआई के अध्यक्ष के रामालिंगम ने कहा कि आधुनिकीकरण परियोजना के तहत इंदौर हवाई अड्डे के रनवे को बढ़ाकर नौ हजार फुट किया जाना है। इससे हवाई अड्डे से बड़े विमानों का संचालन भी हो सकेगा। यह काम करीब एक साल में अस्सी करोड़ रुपये की लागत से पूरा होगा। हवाई अड्डे पर

136 करोड़ रुपये की लागत से सर्वसुविधायुक्त नया टर्मिनल भवन भी बनाया जाएगा।

 


रामालिंगम ने कहा कि राजधानी भोपाल के हवाई अड्डे में भी रनवे की लंबाई नौ हजार फुट करने की योजना है। साथ ही वहां आधुनिक टर्मिनल भवन और नया तकनीकी केन्द्र सह कंट्रोल टावर का निर्माण भी प्रस्तावित है। यह परियोजना करीब

230 करोड़ रुपए की लागत से पूरी होगी।

 


खजुराहो में फिलहाल 7500 फुट लंबा रनवे बन चुका है और वहां टर्मिनल भवन व एप्रन के निर्माण का काम चल रहा है। इन कामों में कुल नब्बे करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि जबलपुर हवाई अड्डे पर रात के वक्त विमान उतरने की सुविधा से जुड़ी परियोजना पर भी काम जारी है।


 


वहां चालीस लाख रुपए की लागत से पहुंच मार्ग और कार पार्किंग का निर्माण भी प्रस्तावित है। रामालिंगम ने कहा कि ग्वालियर हवाई अड्डे पर टर्मिनल भवन को वातानुकूलित और आधुनिक इंतजामों से लैस करने का काम साल के आखिर तक निपटने की उम्मीद है।

इस काम में तीन करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के हवाई अड्डों में कुल 650 करोड़ रुपये की आधुनिकीकरण परियोजनाएं जारी हैं। इनके दो साल के भीतर पूरी होने की उम्मीद है।

First Published : March 17, 2008 | 5:34 PM IST