शहरी गरीबों को कम लागत पर कांशीराम आवास योजना में मकान देने की उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा को पूरी करने में आवास विभाग के अधिकारियों ने ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।
कुल 1.75 लाख की लागत पर आवास बना कर आवंटियों को देने में आवास विकास परिषद के ठेकेदार रुचि नहीं दिखा रहे हैं। राज्य सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए धन भी जारी कर चुकी है पर आवास बनाने के लिए इच्छुक ठेकेदारों का टोटा है।
अकेले आवास विकास परिषद को इस योजना में 67,000 मकान बना कर देने हैं जबकि बाकी के मकान विभिन्न शहरों के अपने विकास प्राधिकरण तैयार करेंगे। परिषद और विकास प्राधिकरणों को यह कम लागत के मकान इसी साल बनाकर देने हैं।
मकानों को तैयार करने के लिए आवास विकास के पास पांच महीनों का समय ही बचा है। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक आवास विकास के पास कम लागत के इन मकानों को तैयार करनें में कुछ ही विकार्सकत्ताओं ने अपनी रुचि दिखायी है।
अभी तक के प्रस्तावों के मुताबिक ठेकेदारों ने केवल 6700 मकानों को बनाने में अपनी रुचि दिखायी है। बाकी के मकान बनाने के लिए हालांकि आवास विकास परिषद नें अपने संसाधनों से काम शुरू कर दिया है।
पर अब भी आवास विकास बाहर की एजेंसियों की बाट जोह रही है। विकास परिषद को आशा है कि पांच महीनों में मकान बना कर देने वाली पार्टियों का चयन होकर काम पूरा कर लिया जाएगा।
कांशीराम के जन्मदिन के मौके पर मायावती ने नमूने के तौर पर आवास परिषद के बनाए गए नमूने के 10 आवासों का लोकापर्ण किया था। इन आवासों की लगभग कीमत 1.75 लाख रुपये रखी गयी थी जबकि शहरी क्षेत्र में गरीब रेखा के नीचे आरक्षित वर्ग के लोगों को मुफ्त में मकान दिए गए थे।