राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के जेवर में बन रहा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तरी भारत का लाजिस्टिक गेटवे बनेगा। हवाई अड्डा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को रोजगार देगा और यहां उद्योगों को गति मिलेगी। जेवर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
गुरुवार को नोएडा में जेवर अंतरर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह परियोजना इस पूरे क्षेत्र को नैशनल गतिशक्ति मास्टरप्लान का एक सशक्त प्रतिबिंब बनाएगी। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से आज उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है
मोदी ने कहा कि इस एयरपोर्ट के बनने से आगरा का पेठा हो या फिर सहारनपुर का फर्नीचर या मुरादाबाद का बर्तन कारोबार सभी को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि दशकों तक यूपी को ताने सुनने के लिए मजबूर कर दिया गया था। कभी गरीबी तो कभी भ्रष्टाचार के ताने सुनने को मिलते थे। अब आजादी के 7 दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वो मिलना शुरू हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते हैं और इसे चलाने के लिए भी हजारों लोगों की आवश्यकता होती है। ये हवाई अड्डा पश्चिमी यूपी के हजारों लोगों को नए रोजगार भी देगा।
मोदी ने कहा कि दाऊ जी के मेले के लिए मशहूर जेवर अब अंतरराष्ट्रीय नक्शे में जगह पा गया है। इससे दिल्ली एनसीआर समेत पश्चिमी यूपी के कई जिलों के लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि यहां विमानों की रिपेयरिंग भी हो सकेगी। फिलहाल हर साल 15,000 करोड़ रुपये की लागत रिपेयरिंग में आती है और इस एयरपोर्ट की कुल लागत ही 30 हजार करोड़ रुपये होगी। इस तरह यह हवाई अड्डा विकास के साथ ही बचत भी कराएगा। दो से तीन सालों में यह एयरपोर्ट जब काम करना शुरू करेगा तो यूपी 5 इंटरनैशनल हवाई अड्डों वाला राज्य बन जाएगा।
जेवर एयरपोर्ट में एक साथ करीब 175 विमान खड़े हो सकेंगे। निर्माण कार्य चार चरणों में होगा। पहले चरण का कार्य पूर्ण होने के बाद पहली उड़ान सितंबर 2024 में शुरू करने का लक्ष्य है। उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक रोजाना करीब 35 हजार यात्री दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की ओर शिफ्ट हो जाएंगे। दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर की दूरी करीब 70 किमी है, जबकि हिंडन से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी करीब 65 किमी है। वहीं मेरठ, बुलन्दशहर से यह 50 किमी के दायरे में आ जाएगा।
जेवर इंटरनैशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी यमुना एक्सप्रेस-वे, बुलंदशहर-जेवर हाइवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ ही रैपिड रेल से भी होगी। जेवर एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। हालांकि पहले चरण में इसका निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर होगा। पहले चरण में दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे। बाद में यहां कुल 5 रनवे बनेंगे। एयर ट्रैफिक बढऩे पर इससे अधिक रनवे बनाए जा सकते हैं। जेवर एयरपोर्ट के करीब 69 फर्मों को लगभग 146 हेक्टेयर औद्योगिक जमीन दी गई है।
