पंजाब में नए मुख्यमंत्री के चयन के बावजूद सत्तासीन दल के भीतर मची उथल-पुथल थम नहीं रही और पार्टी का आंतरिक कलह सार्वजनिक हो रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, शशि थरूर, मनीष तिवारी और आनंद शर्मा समेत जी-23 समूह के कई नेताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के आवास के बाहर हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए कहा कि इस सुनियोजित उपद्रव में शामिल लोगों के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए और कहा था कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराये जाने चाहिए।
कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं आजाद और सिब्बल द्वारा सीडब्ल्यूसी की तत्काल बैठक बुलाने की मांग किए जाने के एक दिन बाद गुरुवार को कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक बहुत जल्द बुलाई जाएगी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले सप्ताह संकेत दिया था कि सीडब्ल्यूसी की बैठक बहुत जल्द बुलाई जाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को इसके लिए पत्र लिखकर आग्रह भी किया है। सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष आजाद ने पत्र में कहा है कि पार्टी से कई नेताओं के अलग होने के मद्देनजर आंतरिक रूप से चर्चा की जाए।
सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिए। आजाद और सिब्बल उन 23 प्रमुख नेताओं के समूह (ग्रुप 23) में शामिल हैं जिन्होंने पिछले वर्ष कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर कांग्रेस में संगठन चुनाव करवाने की मांग की थी। इस समूह के एक नेता जितिन प्रसाद अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
असमंजस बरकरार
वहीं दूसरी तरफ नई कैबिनेट और अन्य शीर्ष अधिकारियों की हालिया नियुक्तियों को लेकर पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी खुल कर सामने आ गई। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान को लेकर, पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच गुरुवार की शाम को दो घंटे तक चली बैठक के बाद भी अनिश्चितता की स्थिति जारी है।
पंजाब भवन में बैठक को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। दागदार अधिकारियों और मंत्रियों की नियुक्ति पर मतभेद को लेकर दो दिन पहले ही सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। पंजाब भवन से चन्नी पहले, शाम करीब छह बजे जबकि सिद्धू उसके आधे घंटे बाद बाहर निकले। पार्टी के किसी भी नेता ने बैठक में क्या हुआ इस पर मीडिया से बात नहीं की। गुरुवार को दिन में सिद्धू मुख्यमंत्री चन्नी से मिलने के लिए पटियाला से चंडीगढ़ आए। चन्नी ने बुधवार को सिद्धू से बात करके समस्याओं को बातचीत के जरिये सुलझाने की पेशकश की थी। चन्नी के साथ बैठक से ठीक पहले सिद्धू ने राज्य के नवनियुक्त पुलिस प्रमुख (पुलिस महानिदेशक, डीजीपी) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान मामले में दो युवकों को गलत तरीके से फंसाया और बादल परिवार को क्लीन चिट दे दिया। सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख पद से मंगलवार को इस्तीफा दिया था।
‘कांग्रेस छोड़ेंगे पर भाजपा से नहीं जुड़ेंगे’
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कहा कि वह अब कांग्रेस में नहीं रहेंगे और पार्टी से इस्तीफा दे देंगे क्योंकि ऐसे दल में वह नहीं रह सकते जहां उन्हें अपमानित किया जाए और उन पर विश्वास न किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे। वह अभी विकल्प की तलाश कर रहे हैं। सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए दावा किया कि कांग्रेस नीचे की ओर जा रही है। वरिष्ठ नेताओं की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। कपिल सिब्बल के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘यह हमला किया गया क्योंकि उन्होंने (सिब्बल ने) वह विचार प्रकट किए जो पार्टी नेतृत्व को खुश करने वाले नहीं थे। यह पार्टी के लिए ठीक नहीं है।’ गृह मंत्री अमित शाह से बुधवार को मुलाकात करने के बाद अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात की। सिंह ने कहा कि पंजाब से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को लेकर उन्होंने डोभाल से मुलाकात की है। इससे पहले एक निजी चैनल से बातचीत में अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी का ग्राफ बढ़ रहा है, लेकिन कांग्रेस की लोकप्रियता 20 प्रतिशत घट गई है। डोभाल से मुलाकात के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा चिंताओं को लेकर मैं उनसे मिला। मैं मुख्यमंत्री भले ही नहीं हूं लेकिन पंजाब तो हमारा है। पहले जैसे हालात न पैदा हों, एनएसए से मुलाकात का यही मकसद था।’
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को लेकर सिंह ने कहा, ‘किसान आंदोलन को एक साल पूरा हो गया। कुछ तो समाधान निकलना चाहिए। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तारीफ करते हुए सिंह ने कहा, ‘वह बेहद शिक्षित व्यक्ति हैं। मेरे साथ मंत्री के तौर पर उन्होंने अच्छा काम किया। यह जरूरी है कि सिद्धू उनको काम करने दें। सिद्धू हावी होना चाहते हैं।’ भाषा
