देश में बढ़ते सुरक्षा खतरा के मद्देनजर क्या निजी सुरक्षा क्षेत्रों में अवसर बढ़ रहे हैं।
एसआईएस के अध्यक्ष आर के सिन्हा कहते हैं, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन सच है।’ सिन्हा का मानना है कि वर्तमान आर्थिक मंदी के बावजूद निजी सुरक्षा क्षेत्रों का एक बड़ा बाजार है और वहां जबरदस्त मांग है।
वर्तमान परिस्थितयों को देखते हुए होटलों में अब निजी सुरक्षा जरूरतों में इजाफा होगा। सिन्हा का कहना है कि मुंबई बम धमाके के बाद अब कोई भी होटल सीआईपी (वाणिज्यिक महत्वपूर्ण व्यक्तियों) के लिए सुरक्षा मानदंडों के पालन में कोई जोखिम मोल नहीं ले सकती है।
उद्योग संगठनों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में सुरक्षा एजेंसी का उद्योग करीब 21,000 करोड़ रुपये का है और यह संभावना जताई जा रही है कि 2010 तक यह उद्योग 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।
यही नहीं इंडस्ट्री में यह 5,000 हजार करोड़ रुपये प्रोविडेंट फंड के तौर पर , 3,000 हजार करोड़ रुपये सेवा कर के तौर पर और ईएसआई के तौर 2,000 हजार करोड़ रुपये का सालाना भुगतान करती है। इस उद्योग में लगभग 50 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करती है।