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ए भाई जरा देख के चलो, आगे ही नहीं…

Last Updated- December 07, 2022 | 1:02 AM IST

मध्य प्रदेश में अगली बार जब आप यातायात के नियमों का उल्लंघन करेंगे तो आपकी धरपकड़ करने के लिए सफेद वर्दीधारी पुलिस वाले भाई साहब नहीं बल्कि नगर निगम का कर्मचारी वहां मौजूद होगा।


राज्य में अब यातायात के नियमों को तोड़ने पर नगर निगम के कर्मचारी जुर्माना वसूल करेंगे और आप द्वारा जो धन दिया जाएगा उसका इस्तेमाल शहर के बेहतर यातायात प्रबंधन, पार्किंग की जगह तैयार करने, आधुनिक टै्रफिक लाइट बगाने और सड़कों को चौड़ी करने के लिए किया जाएगा।

मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक पुलिस इस धनराशि को राजकोष में जमा कर देती है। मध्य प्रदेश सरकार ने शहरी यातायात प्राधिकरण का गठन किया है। इसके तहत स्थानीय निकाय और यातायात पुलिस मिल कर काम करेंगे। शहरी प्रशासन और विकास विभाग के प्रधान सचिव राघव चंद्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘यातायात प्रबंधन प्रणाली को अब शहरी प्रशासन और विकास विभाग को सौंप दिया गया है।

मौजूदा प्रणाली के तहत स्थानीय पुलिस यातायात या पार्किंग के नियमों के उल्लंघन की सूरत में चालान काटती है और उसे राजकोष में जमा कर देती है। नई व्यवस्था के तहत यह जुर्माना स्थानीय निकाय वसूलेंगे और इस धनराशि का इस्तेमाल शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करेंगे। खासतौर से पार्किंग स्थल के विकास के लिए इस धन का इस्तेमाल किया जाएगा।’

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि स्थानीय निकाय कम बजट के बीच यातायात या पार्किंग नियमों का उल्लंघन करने वालों से निपटेंगे। चंद्रा ने बताया कि यह स्थानीय निकायों पर निर्भर करता है कि वह अपने कर्मचारियों तैनात करते हैं या फिर पुलिस विभाग के साथ गठजोड़ कायम करते हैं।

यातायात पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘हम शहरी यातायात प्राधिकरण का हिस्सा हैं और एक समन्वय समिति का गठन किया जाएगा जो यातायात प्रबंधन प्रणाली के लिए ढांचागत सुविधा के विकास के लिए काम करेगी।’

उन्होंने बताया कि समिति स्वचालित यातायात प्रणाली और पार्किंग स्थान की योजना तैयार करेगी और नियमों के उल्लंघन के मामले में स्थानीय निकाय हमारे साथ मिलकर काम करेंगे। इस समय यातायात विभाग लाइसेंसिंग, पंजीकरण और मोटर वाहन, यात्री और मालभाड़ा ट्रांसपोर्ट के नियमन के लिए जिम्मेदार है।

First Published - May 22, 2008 | 9:53 PM IST

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