केंद्र सरकार के पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) ने गोरखपुर मेट्रोलाइट रेल परियोजना के पहले चरण को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद अब जल्दी ही गोरखपुर शहर में मेट्रो परियोजना पर काम शुरू होगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विधानसभा चुनावों से पहले ही गोरखपुर में मेट्रो परियोजना का शिलान्यास कर सकती है। गोरखपुर मेट्रो परियोजना में कुल 27.84 किलोमीटर की लंबाई में 2 एलिवेटेड कॉरिडोर प्रस्तावित हैं। इस परियोजना की कुल लागत 4,672 करोड़ रुपये आंकी गई है और इसे साल 2024 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी सहित गोरखपुर मेट्रो परियोजना से जुड़े सभी को इस मंजूरी के लिए बधाई दी है। उत्तर प्रदेश में नोएडा , गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, आगरा के बाद गोरखपुर उत्तर प्रदेश का छठा शहर होगा जहां मेट्रो दौड़ेगी। प्रदेश के इन सभी शहरों में मेट्रो परियोजना का काम यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) के तहत किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में लखनऊ, नोएडा और गाजियाबाद में मेट्रो का संचालन हो रहा है जबकि कानपुर में मेट्रो का ट्रायल रन हो चुका है और इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका वाणिज्यिक संचालन शुरू कर सकते हैं। कानपुर महानगर में यातायात का समस्या से निपटने के लिए योगी सरकार के सत्ता संभालते ही मेट्रो परियोजना पर काम शुरू किया गया था। आगरा में इस समय मेट्रो परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। आगरा और कानपुर दोनो शहरों की मेट्रों परियोजनाओं के लिए उत्तर प्रदेश के सालाना बजट में धनराशि का आवंटन भी किया गया था। इसी के साथ ही दिल्ली से मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का कार्य प्रगति पर है जिसके लिये वर्ष 2020-21 के बजट में राज्य सरकार की ओर से 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। बीते साल उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने गोरखपुर महानगर में यातायात की व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में लाइट रेल ट्रांजिट परियोजना के क्रियान्वयन को और डीपीआर को मंजूरी दी थी। डीपीआर के मुताबिक परियोजना के तहत शहर में श्याम नगर से मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय तक 15.14 किमी की लबाई में 14 स्टेशन प्रस्तावित हैं। इसी तरह से बीआरडी मेडिकल कॉलेज से नौसढ़ चौराहा तक 12.70 किमी लबाई के कॉरिडोर में 13 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
