मध्य प्रदेश की पहली ‘बनाओ, चलाओ और सौंपो (बीओटी)’ पर आधारित औद्योगिक जल आपूर्ति परियोजना अपना काम करना शुरू कर चुकी है।
हालांकि इसके तहत जो क्षमता विकसित की गई है, उससे कुल मांग की आधी आपूर्ति ही संभव हो पाएगी और वह भी महंगी दरों पर उपलब्ध होगी। यह परियोजना वडोदरा की कंपनी एमएसके प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड ने भोपाल से 150 किलोमीटर दूर देवास औद्योगिक शहर में 80 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की है।
वैसे मध्य प्रदेश में पानी महंगा है और यह 26.50 रुपये प्रति किलोलीटर मिलता है। मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक विकास कॉरपोरेशन के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अभी 80 औद्योगिक इकाइयों में एमएसके इंडिया लिमिटेड 1 करोड़ 20 लाख लीटर पानी प्रतिदिन की आपूर्ति करती है। मांग को पूरा करने के लिए एक और जलाशय स्थापित किया जाएगा। शहर की अन्य औद्योगिक इकाइयों में भी पानी की मांग बढ सकती है।’
यह परियोजना मध्य प्रदेश की पहली परियोजना है, जिसमें किसी प्रकार की वित्तीय प्रतिबद्धता की बात कंपनी से नहीं की गई है। इस परियोजना के तहत देवास (नेमावर गांव) से 128 किलोमीटर दूर नर्मदा से पानी लिया जाएगा और फिर उस पानी को 600 मिमी पाइपलाइन के जरिये नागड़ा हिल होते हुए औद्योगिक क्षेत्र में आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है।