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उप्र में चमड़े पर प्रवेश कर पूरी तरह समाप्त

Last Updated- December 07, 2022 | 1:05 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने चमड़े पर लगने वाले प्रवेश कर को पूरी तौर पर समाप्त कर दिया है साथ ही प्रदेश के अंदर बिक्री करने वाले व्यापारियों के उनके विक्रय के आर्वत पर लागू समाधान योजना पर कर की दर एक फीसदी से घटा कर 0.5 फीसदी कर दिया है।


प्रदेश सरकार ने चमड़े पर प्रवेश शुल्क को (फिनिस्ड लेदर) पर ही समाप्त किया है। चमड़े के व्यवसाय पर सरकार मंडी शुल्क को पहले ही समाप्त कर चुकी है। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में नजूल भीमि पर शुल्क में छूट की अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने मोम और तेंदू पत्ते पर से भी प्रवेश कर समाप्त कर दिया है।

राज्य सरकार के आधीन यूपीडीपीएल (यूपी ड्रस एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड) को औद्योगिक विकास के स्थान पर चिकित्सा और स्वास्थ विभाग के आधीन कर दिया है। बुनकर और उनकी सहकारी समितियों को मार्च 31, 2000 तक लिए गए शासकीय कर्जों पर देय ब्याज को माफ कर दिया है। ऐसे बकाएदारों को मूलधन की राशि एक मुश्त जमा करनी होगी तभी उन्हें ब्याज से पूर्ण छूट दी जाएगी।

एकमुश्त मूलधन न जमा कर पाने वाले बुनकरों और उनकी समितियों का केवल 50 फीसदी ब्याज माफ किया जाएगा जबकि उन्हें 50 फीसदी मूलधन जमा करना होगा। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड की महात्वाकांक्षी परियोजनाओं बारा और करछना पर कैबिनेट में कोई अंतिम फैसला आज भी नही लिया जा सका।

बारा और करछना क्षेत्र में सरकार ने क्रमश 1980 और 1230 मेगावॉट की ताप बिजली परियोजना के लिए टेंडर मांगे थे और न्यूनतम बोली के आधार पर लैंको पॉवर के नाम परियोजना दिए जाने की संस्तुति कैबिनेट को की गयी थी। आज ही किए गए एक अन्य फैसले में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश उच्चतर सेवा चयन आयोग अधिनियम 1980 में संशोधन करते हुए प्राचार्य और प्रवक्ता के पद पर साक्षात्कार के साथ-साथ लिखित परीक्षा को भी अनिवार्य कर दिया है।

इन सबके अतिरिक्त राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों की तर्ज पर शहरी इलाकों में भी राजस्व वसूली के लिए फ्रेंचाइजी नियुक्त करने पर भी सहमति व्यक्त कर दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में फ्रेंचाइज प्रणाली की सफलता के बाद अब यही व्यवस्था लखनऊ सहित 8 शहरों में लागू की जाएगी। इन शहरों में आगरा, मुरादाबाद, सहारनपुर और कानपुर भी शामिल हैं।

First Published - May 23, 2008 | 10:57 PM IST

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