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चुनाव ने डाला छत्तीसगढ़ में योजनाओं के रंग में भंग

Last Updated- December 10, 2022 | 8:17 PM IST

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू होने से छत्तीसगढ़ में गरीबों को सब्सिडी दर पर चावल उपलब्ध कराने की योजना लागू किए जाने को लेकर मुश्किलें पैदा हो गई हैं।
दरअसल, राज्य सरकार ने 1 अप्रैल से इस योजना को लागू करने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत करीब 7 लाख अंत्योदय कार्ड धारकों (अत्यधिक गरीब) को 1 रुपये प्रति किलो के हिसाब से चावल दिया जाना था जबकि गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रहे अन्य 37 लाख लोगों को 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से चावल उपलब्ध कराने की योजना थी।
राज्य चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने इस योजना को लागू करने पर रोक लगा दी है। राज्य में 16 अप्रैल को मतदान किया जाना है।
इस चावल योजना के अतिरिक्त किसानों को मुफ्त बिजली और राज्य कर्मियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने पर चुनाव तक रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने नए वित्त वर्ष से इन योजनाओं को लागू करने की घोषणा की थी।
इसके पहले राज्य के वित्त विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि इन योजनाओं की घोषणा लोकसभा चुनाव के काफी पहले की जा चुकी है और इनके लिए बजट में प्रावधान भी रखे गए हैं, इस वजह से इन्हें लागू करने में कोई परेशानी नहीं आएगी।
अब जहां इन योजनाओं को लगू किए जाने के मसले पर भाजपा चुप्पी साधे हुए है, वहीं कांग्रेस को मुख्यमंत्री रमन सिंह को कटघरे में खड़ा करने के लिए एक बड़ा मुद्दा मिल गया है।
कांग्रेस के राज्य महासचिव रमेश वार्ल्याणी ने कहा,  कि अगर भाजपा इन योजनाओं को लागू करने के प्रति गंभीर होती तो उसने योजना आयोग से इसके लिए पहले ही अनुमति ले ली होती।

First Published - March 16, 2009 | 11:49 PM IST

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