रेलवे की खूबसूरती से दिल्ली का सदर बाजार हुआ घायल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 8:47 PM IST

रेलवे की खूबसूरती से दिल्ली का सदर बाजार हुआ घायल

 

राजीव कुमार / नई दिल्ली September 12, 2008

 

 

 

रमजान, नवरात्र और आगे दीपावली। फिर भी सदर बाजार से रौनक गायब। रोजाना तकरीबन 50 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार का नुकसान।

 

दरअसल इसके पीछे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को खूबसूरत एवं सुविधायुक्त बनाने की कवायद का हाथ है। प्लेटफार्म को बढ़ाने व उसे दुरुस्त करने के चक्कर में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 125 रूट की ट्रेनों के आगमन व प्रस्थान के स्थान को बदल दिया गया है। इसलिए सदर बाजार आने वाले दूसरे शहरों के छोटे व्यापारियों ने किसी और बाजार की ओर मुंह मोड़ लिया है।

पुरानी दिल्ली से जाने वाली व यहां आने वाली ट्रेनों के रूट में भी भारी फेरबदल किया गया है। सदर बाजार नई दिल्ली व पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के बीच है। 250-300 किलोमीटर की दूरी से रोजाना आने वाले छोटे व्यापारी यहां से माल खरीदते हैं और इन दोनों जगहों से छूटने वाली ट्रेन को पकड़ लेते हैं।

स्टेशन नजदीक होने के कारण कुछ कारोबारी सामान की ढुलाई के लिए आपस में इकट्ठे होकर ट्रेन की बोगी भी बुक करा लेते है। लेकिन बीते 4 तारीख से यह सुविधा खत्म हो गयी है। जो ट्रेनें नई दिल्ली या पुरानी दिल्ली आती थी वे निजामुद्दीन आ रही तो कोई ट्रेन किशनगंजा आ रही है। उनके प्रस्थान करने का भी कुछ पता नहीं चल पा रहा है।

कनफेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स के महासचिव देवराज बवेजा कहते हैं, ‘रमजान का महीना शुरू होते ही सदर बाजार में बाहर के व्यापारियों की भीड़ लग जाती थी लेकिन इस बार तो 50 फीसदी ग्राहक भी नहीं है। कौन सी ट्रेन कहां से जाएगी और कहां आएगी, इसके बारे में अखबारों में विज्ञापन भी आया है लेकिन कितने व्यापारी इन पर ध्यान देते हैं। अब हालत ऐसी है कि एक साल तक इन मालों को संभालना मुश्किल हो जाएगा।’ इसी संगठन के प्रधान प्रवीण आनंद कहते हैं, ‘रेलवे स्टेशन को खूबसूरत बनाने का काम दीपावली के बाद करना चाहिए था। इन दो महीनों में उनका कारोबार दोगुना हो जाता है। जो इस बार चौपट होता नजर आ रहा है।’

वे कहते हैं कि सरकार इस प्रकार के फैसले लेने से पहले व्यापरियों से कोई मश्विरा भी नहीं करती। अगर व्यापारी विरोध करेंगे तो इस दौरान जो बिक्री हो रही है वह भी समाप्त हो जाएगी। कारोबारियों को इस बात भी डर सता रहा है कि अगर रेलवे ने सौंदर्यीकरण की समय सीमा 16 सितंबर से आगे बढ़ा दी तो वे दशहरा व दीपावली अंधेरे में ही मनाएंगे। 2 अक्तूबर को ईद है तो 9 अक्तूबर को दशहरा।

 

 

 

First Published : September 12, 2008 | 11:03 PM IST