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दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना पर रोक लगाने से किया इंकार

न्यायालय ने कहा कि इस योजना को राष्ट्रीय हित में और सशस्त्र बल को बेहतर बनाने के लिए लाया गया है

Published by
भाषा
Last Updated- February 27, 2023 | 12:08 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना को सोमवार को बरकरार रखते हुए कहा कि इस योजना को राष्ट्रीय हित में और सशस्त्र बल को बेहतर बनाने के लिए लाया गया है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि इसमें हस्तक्षेप करने की कोई वजह नजर नहीं आती।

अदालत ने सशस्त्र बलों में भर्ती से संबंधित कुछ विज्ञापनों के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि ऐसे उम्मीदवारों को भर्ती का अधिकार नहीं है।

पीठ ने पिछले साल 15 दिसंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। केंद्र ने पिछले साल 14 जून को अग्निपथ योजना शुरू की थी, जिसके तहत सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए नियम निर्धारित किए गए हैं। इन नियमों के अनुसार साढ़े 17 से 21 वर्ष की उम्र के लोग आवेदन करने के पात्र हैं और उन्हें चार साल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाएगा।

चार साल के बाद इनमें से 25 प्रतिशत को नियमित सेवा का मौका दिया जाएगा। योजना के ऐलान के बाद कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे। बाद में सरकार ने साल 2022 के लिए भर्ती की अधिकतम उम्र सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी थी।

First Published : February 27, 2023 | 11:56 AM IST