दिल्ली सरकार ने कोरोनावायरस के नए रूप से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार अस्पतालों में बेड, दवा, ऑक्सीजन आदि के इंतजाम करने में जुट गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कोरोना के नए रूप से निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। केजरीवाल ने बताया कि अगर कोरोनावायरस का नया रूप ओमीक्रोन भारत में आता है तो इससे निपटने के लिए दिल्ली में जो जो तैयारी करने की जरूरत है, उस पर बैठक में चर्चा कर जायजा लिया गया। सरकार ने 30 हजार ऑक्सीजन बेड तैयार कर लिए हैं। इनमें से 10 हजार आईसीयू बेड हैं। इसके अलावा 6,800 बेड निर्माणाधीन हैं। ये फरवरी तक तैयार हो जाएंगे। इस तरह फरवरी तक करीब 17,000 आईसीयू बेड तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा हम इस तरह की तैयारी कर रहे हैं कि नगर निगम के हर वार्ड में दो सप्ताह के नोटिस पर 100-100 ऑक्सीजन बेड तैयार कर सकें। इस प्रकार दो सप्ताह के नोटिस पर 270 वार्ड में 27,000 ऑक्सीजन बेड तैयार हो सकते हैं। दिल्ली के अस्पतालों में 63-65 हजार बेड के इंतजाम की तैयारी चल रही है। इसके जितने भी स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत पड़ेगी, उनके प्रशिक्षण की तैयारी कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के इलाज के में 32 किस्म की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। सरकार ने इन दवाओं के दो महीने का बफर स्टॉक करने के लिए आदेश दिए हैं ताकि दवाओं की कमी न हो। होम आइसोलेशन के लिए भी तैयारी दुरुस्त की जा रही हैं। पिछली बार ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा कमी पड़ी थी। दिल्ली में सारे अस्पतालों में ऑक्सीजन की क्षमता 750 टन है। केंद्र से ऑक्सीजन मिल तो गई थी, लेकिन उसका भंडारण करने की क्षमता हमारे पास नहीं थी। इस समस्या से निपटने के लिए अब दिल्ली सरकार ने 442 टन ऑक्सीजन का भंडारण करने के लिए ऑक्सीजन टैंक बना लिए हैं। इसके साथ ही 121 टन ऑक्सीजन का उत्पादन होने लगा है। दिल्ली में सारे ऑक्सीजन टैंक में टेलीमेट्री डिवाइस लगाने के ऑर्डर दे दिए हैं। इससे रियल टाइम ऑक्सीजन उपलब्धता की जानकारी मिलेगी और इससे ऑक्सीजन प्रबंधन में मदद मिलेगी।
केजरीवाल ने बताया कि चीन से ऑक्सीजन के 6 हजार खाली सिलिंडर आयात कर लिए हैं जिससे नए ऑक्सीजन बेड तैयार कर सकते हैं। दिल्ली में 3 निजी रिफिलिंग प्लांट हैं, जिनकी क्षमता 1,500 सिलिंडर रोजाना भरने की है। इसके अलावा सरकार ने 1,400 सिलिंडर भरने की क्षमता के दो बॉटलिंग प्लांट भी लगा लिए हैं। ऑक्सीजन के टैंकर की समस्या से निपटने के लिए सरकार ऑक्सीजन के 15 टैंकर खरीद रही है, जो एक महीने के अंदर आने की उम्मीद है।
