दिल्ली सरकार प्रदूषण की मार कम करने के लिए लॉकडाउन लगाने को तैयार है, लेकिन दिल्ली के कारोबारी सरकार के इस कदम के खिलाफ है। कारोबारियों को लॉकडाउन से खासकर शादियों के कारोबार पर मार पडऩे का खटका है। देव उठान के बाद अब शादियों की खरीदारी जोर पकडऩे वाली है। दीवाली पर अच्छा कारोबार होने से कारोबारियों को इस बार शादियों के कारोबार से काफी उम्मीदें हैं।
द बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन कूंचा महाजनी के चेयरमेन योगेश सिंघल ने बताया कि कोरोना की वजह से शादियों के कारोबार के पिछले दो सीजन खराब हो चुके है। अब इस साल सर्दियों में अच्छे कारोबार की उम्मीद है। अगर प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली में लॉकडाउन लगता है, तो शादियों के लिए गहनों के कारोबार पर बुरा असर पडेगा। प्रदूषण रोकने के लिए लॉकडाउन ही जरूरी नहीं है। सरकार को दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए।
दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा ने कहा कि बडी मुश्किल से कारोबार पटरी पर आ रहा है। ऐसे में लॉकडाउन की खबर से कारोबारियों में डर का माहौल है। लॉकडाउन से शादियों की खरीद रुक सकती है। दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए बाहरी राज्यों के कारोबारी व ग्राहक खरीदारी करने आने से हिचक रहे हैं। लॉकडाउन से स्थानीय ग्राहकों से मिलने वाला कारोबार भी छिन सकता है।
चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के महासचिव व कपडा कारोबारी संजय भार्गव ने कहा कि शादियों का सीजन शुरू होने से बाजारों में खरीदारी का माहौल है। प्रदूषण बढऩे के बावजूद बाजारों में खूब ग्राहक आ रहे हैं। ऐसे में लॉकडाउन लगाना ठीक नहीं है, क्योंकि कोरोना की मार झेल चुके कारोबारियों की शादियों के सीजन से नुकसान की भरपाई प्रभावित होगी।
