facebookmetapixel
NPS में शामिल होने का नया नियम: अब कॉर्पोरेट पेंशन के विकल्प के लिए आपसी सहमति जरूरीएशिया-पैसिफिक में 19,560 नए विमानों की मांग, इसमें भारत-चीन की बड़ी भूमिका: एयरबसअमेरिकी टैरिफ के 50% होने के बाद भारतीय खिलौना निर्यातकों पर बढ़ा दबाव, नए ऑर्डरों की थमी रफ्तारसुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने किया साफ: आधार सिर्फ पहचान के लिए है, नागरिकता साबित करने के लिए नहींBihar चुनाव के बाद लालू परिवार में भूचाल, बेटी रोहिणी ने राजनीति और परिवार दोनों को कहा ‘अलविदा’1250% का तगड़ा डिविडेंड! अंडरवियर बनाने वाली कंपनी ने निवेशकों पर लुटाया प्यार, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते₹4 करोड़ कम, लेकिन RR चुना! जानिए क्यों Jadeja ने CSK को कहा अलविदा75% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मा कंपनी का निवेशकों को बड़ा तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते25 की उम्र में रचा इतिहास! मैथिली ठाकुर बनीं बिहार की सबसे कम उम्र की MLA; जानें पिछले युवा विजेताओं की लिस्टDividend Stocks: अगले हफ्ते 50 से अधिक कंपनियां बाटेंगी डिविडेंड, शेयधारकों को मिलेगा अतिरिक्त मुनाफा

मौद्रकीकरण के खिलाफ कांग्रेस

Last Updated- December 12, 2022 | 1:14 AM IST

सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने की केंद्र सरकार की नयी योजना मौद्रकीकरण के खिलाफ हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा है कि इसका सबसे बड़ा नुकसान उत्तर प्रदेश को होने जा रहा है जहां सड़कों, हवाई अड्डों, खेल के मैदानों से लेकर रेलवे स्टेशन और बिजली घरों को भी बेंचने की तैयारी है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव और राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने 20 विभागों की सरकारी संपत्तियों को निजी घरानों को देने का एलान किया है जिनमें से छह विभागों की बड़ी संपत्तियां तो अकेले उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि निजीकरण की इस योजना का सबसे बड़ा घाटा उत्तर प्रदेश जैसे राज्य को उठाना पड़ेगा जहां को आठ राष्ट्रीय राजमार्गा, कई खेल के मैदान, रेलवे स्टेशन और बिजली घरों की बिक्री की जानी है।
उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति को अपने पसंदीदा उद्यमियों के हवाले करने पर अमादा इस सरकार ने लालबहादुर शास्त्री एयरपोर्ट वाराणसी की कीमत महज 500 करोड़ लगायी है। साथ ही स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का भी निजीकरण किया जा रहा है जिसका बड़ा सेंटर लखनऊ में भी है। उन्होंने कहा कि आगरा भाइपास, भरतपुर, प्रयागराज से वाराणसी जैसे कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग निजीकरण की सूची में रखे गए हैं। भारत फाइबर नेटवर्क व भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के पूरे उत्तर प्रदेश के नेटवर्क को भी निजीकरण की सूची में रखा गया है।

माकन ने सवाल उठाया कि यह बेची जाने वाली जमीनें राज्य सरकार ने अधिग्रहण कर केंद्र सरकार को दिया है, तो क्या इसकी बिक्री से पहले राज्य सरकार से पूछा गया? उन्होंने कहा कि इसकी बिक्री से जो पैसा आएगा क्या उसको राज्य सरकारों की भी कोई भागीदारी होगी। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पार्टी ने इसके लिए वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है जोकि रूपरेखा तैयार करेगी और उसी के आधार पर पूरे देश में लड़ाई लड़ी जाएगी।
उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी सरकार बिकने वाली स पत्तियों को खरीदेगी और रोजगार की रक्षा करेगी। माकन ने बताया कि छतीसगढ में बेची जाने वाली मिलों की यूनियन इस बिक्री के खिलाफ है।

First Published - September 8, 2021 | 11:04 PM IST

संबंधित पोस्ट