मंदी के समय में पूंजी की कमी के कारण उद्योगों की विकास दर धीमी हो गई है। इसके बावजूद मध्य प्रदेश सरकार 31 मार्च से उद्योगों को दी जा रही कर छूट वापस लेने की योजना बना रही है।
जिन कंपनियों को राज्य में विस्तार करना है या फिर जिन्होंने राज्य में निवेश करने की घोषणा की हैं, उन्हें 31 मार्च से पहले ही काम शुरू करने के लिए कहा गया है।
अगर कंपनियां 31 मार्च से पहले उत्पादन शुरू कर देती हैं तो ही उन्हें औद्योगिक नीति 2004 के तहत करों में छूट दी जाएगी वरना नहीं। इसके बाद सरकार नई नीति के अनुसार ही कंपनियों को कर रियायत देगी। हालांकि यह नीति जुलाई से पहले तो नहीं बन पाएगी।
हालांकि मंदी के कारण कई कंपनियों ने अपने विस्तार की योजनाएं टाल दी हैं। एक प्रवक्ता ने बताया, ‘पहले कई कंपनियां राज्य में विस्तार कर रही थीं या फिर नई परियोजनाएं शुरू कर रही थी।
अब कंपनियां बाजार में उत्पादों की मांग कम और नकदी की कमी के कारण योजनाएं टाल रही हैं या फिर रद्द कर रही हैं। ऐसे में एमपी ट्राइफैक के साथ पंजीकृत कंपनियों के लिए पूंजी की कमी के कारण 31 मार्च से पहले काम शुरू करना काफी मुश्किल होगा।’