ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस ने दावा किया है कि अपनी मांगों के समर्थन में उनका देशव्यापी चक्का जाम सोमवार को पूर्ण रूप से सफल रहा।
मोटर कांग्रेस के अध्यक्ष एच एस लोहारा ने बताया कि बाजार में उन्हीं ट्रकों की आवाजाही रही जो दो दिन पहले माल लेकर चले थे। मंगलवार से कोई भी मालवाहक वाहन सामान की ढुलाई करते नहीं दिखेंगे। इस चक्का जाम में करीब 5 लाख मालवाहक वाहनों के शामिल होने का दावा किया गया है।
आजादपुर मंडी आलू-प्याज विक्रेता संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक सोमवार को आलू व प्याज की आवक सामान्य रही। लोहारा ने बताया कि सरकार हर मोर्चे पर उनके साथ दगा कर रही है। चाहे वह टोल टैक्स का मामला हो या फिर सर्विस टैक्स का।
उनके मुताबिक गत जुलाई में सरकार ने उनसे वादा किया था कि एक साल तक टोल टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी, लेकिन दिसंबर माह में अधिसूचना जारी कर सरकार ने टोल टैक्स में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया।
आमची मुंबई बेहाल
देशभर के करीब 35 लाख ट्रकों के साथ महाराष्ट्र के 8 लाख ट्रक, टेम्पो, टेलर, लॉरी और दूसरे कमर्शियल वाहन भी शामिल है। इस हड़ताल से करीब एक दिन में ट्रांसपोर्टरों को 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगने वाली है।
बाम्बे गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रजनीकांत आर पारिख के अनुसार जुलाई 2007 में जब देशभर के ट्रांसपोर्टरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल की थी तो सरकार ने हमारी मांगे पूरी करने के लिए लिखित में वादा किया था,
जिसमें कहा गया था कि ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं को ध्यान में रखकर एक कमेटी बनाई जाएगी जो छह महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और उस रिपोर्ट पर अमल किया जाएगा लेकिन अभी कमेटी का गठन तक नहीं किया गया जिससे पता चलता है कि सरकार की नीयत कैसी है।
उप्र का कारोबार हुआ खस्ता
अखिल भारतीय स्तर पर ट्रकों की हड़ताल होने से उत्तर प्रदेश में लगभग 40,000 ट्रकों के पहिये रुक गये है। इसके कारण उत्तर प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को पहले दिन ही लगभग 50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उत्तर प्रदेश ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन के महासचिव बिल्लू टंडन का कहना है कि भले ही रबर की कीमतों में 40 से 45 फीसदी की क मी हो गई हो, लेकिन ट्रकों के पहिये बनाने वाली कंपनियों पहले की दर पर ही मुनाफा कमा रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 10,000 हजार ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स है।
उत्तराखंड की हालत पस्त
ट्रक चालकों की हड़ताल के चलते उत्तराखंड से होने वाले 75 से 100 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो गया है। इस हड़ताल में 10,000 हजार ट्रक चालकों ने हिस्सा लिया है। कारोबारियो का कहना है कि ट्रक हड़ताल होने से पंतनगर, हरिद्वार, कोटद्वार, और देहरादून से होने वाली औद्योगिक सामानों की आवाजाही बाधित हो गई है।
इसके कारण नेस्ले, एचयूएल, ब्रिटानिया और बजाज ऑटों जैसी कंपनियों के माल की आपूर्ति भी रुक गई है। ब्रिटानिया समूह के अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल होने से राज्य के हरिद्वार और पंतनगर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है।
उत्तराखंड ट्रक ऑपरेटर्स फेडरेशन के अध्यक्ष डी एस मान का कहना है कि एसोसिएशन इस हड़ताल में सक्रिय तौर पर भाग ले रहा है। हमारी कोशिश केन्द्र सरकार से अपनी मांगों को मनवाने की ही रहेगी।
(राजीव कुमार, सुशील मिश्रा, वीरेन्द्र सिंह रावत और शिशिर प्रशांत)