कोरोना संक्रमण के इस दौर में भी उत्तर प्रदेश को देश व विदेश से 45,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। प्रदेश सरकार ने बीते छह महीनों में प्रतिबंधों के दौर में भी 6700 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए 326 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन कर दिया है।
औद्योगिक विकास विभाग के मुताबिक हाल के महीने में प्रदेश में हीरानंदानी समूह, हिंदुस्तान यूनीलीवर, एमजी कैप्सूल, केशो पैकेजिंग और माउंटेन व्यू टेक्नोलाजी को विभिन्न स्थानों पर इकाई लगाने के लिए भूखंड दिए गए हैं। इन परियोजनाओं से प्रदेश में 1.35 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। कोरोना संकट के दौर में प्रदेश सरकार ने विदेशी निवेशकों व सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद की शुरुआत की, जिसके चलते इसे प्रदेश में निवेश के 40 के लगभग प्रस्ताव मिले हैं। अधिकारियों के मुताबिक अमेरिका, जापान, कोरिया, कनाडा और जर्मनी के निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई है। इन विदेशी प्रस्तावों से प्रदेश मे करीब 45000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक बीते छह महीनों में जहां हीरानंदानी समूह ने प्रदेश में डेटा सेंटर बनाने के लिए 750 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है वहीं ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज ने खाद्य एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में 300 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है। इसके अलावा इंग्लैंड की ब्रिटिश फूड पीएलसी ने 750 करोड़ रुपये और डिक्सन टेक्नोलॉजी ने उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के क्षेत्र में 200 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। इसी तरह सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्मस ने 952 करोड़ रुपये, कोरिया की एडिसन मोटर्स ने इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में 750 करोड़ रुपये और वायरिंग व हारनेस कंपोनेंट के निर्माण के क्षेत्र में जापान की याजाकी ने 2000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है।
अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संकट के समय में भी प्रदेश सरकार ने नई इलेक्ट्रानिक्स नीति के साथ ही स्टार्ट अप नीति को संशोधित कर उसमें गैर आईटी क्षेत्र को शामिल कर दिया है। जल्दी ही योगी सरकार डेटा सेंटर के लिए नई नीति लेकर आ रही है। इसके तहत प्रदेश में डेटा केंद्र स्थापित करने वाली कंपनियों को सहूलियतें दी जाएंगी।
महामारी के इस दौर में प्रदेश सरकार ने औद्योगिक इकाईयों के लैंड बैंक बढ़ाने की दिशा में भी काम किया है। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के पास पहले जहां 20,000 एकड़ का लैंड बैंक उद्योगों के लिए उपलब्ध था वहीं कोरोना संकट के दौरान इसमें 5,000 एकड़ और जोडऩे का लक्ष्य रखा गया। अकेले अगस्त और सिंतबर महीने में ही प्रदेश सरकार ने इस लक्ष्य का 13.67 फीसदी हासिल कर लिया है।
