facebookmetapixel
अगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्जGST दरें घटने पर हर महीने कीमतों की रिपोर्ट लेगी सरकार, पता चलेगा कि ग्राहकों तक लाभ पहुंचा या नहींSEBI ने कहा: लिस्टेड कंपनियों को पारिवारिक करार का खुलासा करना होगा, यह पारदर्शिता के लिए जरूरीनई SME लिस्टिंग जारी, मगर कारोबारी गतिविधियां कम; BSE-NSE पर सौदों में गिरावटदुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी से जूझ रहा है भारतीय वाहन उद्योग, सरकार से अधिक सहयोग की मांगसरकारी बैंकों के बोर्ड को मिले ज्यादा अधिकार, RBI नियमन और सरकार की हिस्सेदारी कम हो: एक्सपर्ट्सGST Reforms का फायदा लूटने को तैयार ई-कॉमर्स कंपनियां, त्योहारों में बिक्री ₹1.20 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमानFY26 में भारत का स्मार्टफोन निर्यात $35 अरब छूने की राह पर, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में तेजी: वैष्णवSEBI ने IPO और MPS नियमों में दी ढील, FPI रजिस्ट्रेशन के लिए सिंगल विंडो शुरू करने का ऐलानअधिक लागत वाली फर्मों को AI अपनाने से सबसे ज्यादा लाभ होगा

नेपाल में राजनीतिक उथलपुथल: भ्रष्टाचार के खिलाफ जेनजी आंदोलन ने सत्ता को हिला डाला

नेपाल में 40 घंटे से अधिक चली हिंसा में सिंहदरबार खंडहर बना, 20 से अधिक लोगों मौतें हुईं और जेनजी आंदोलन ने सत्ता व राजनीतिक ढांचे को खुलकर चुनौती दी

Last Updated- September 12, 2025 | 10:17 PM IST
Nepal Genz Protests
नेपाल में प्रदर्शन के दौरान युवा | फोटो: PTI

इस सप्ताह के आरंभ में पूरे नेपाल को 40 घंटे से अधिक समय तक उग्र आक्रोश का सामना करना पड़ा जिसने संपत्ति को इतना नुकसान पहुंचाया जिसका आकलन कर पाना मुश्किल है। उदाहरण के लिए सिंह दरबार जिसे 1908 में काठमांडू में निजी आवास के लिए बारोक शैली में बनाया गया था और जिसे बाद में सचिवालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में तब्दील कर दिया गया था, वह अब पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है। सर्वोच्च न्यायालय, नेपाल की संसद के अधिकांश हिस्से, नेपाल के 77 जिलों में से अधिकांश के मुख्य विकास अधिकारियों के कार्यालयों (सीडीओ) का भी यही हाल है। 

निजी कारोबार मसलन भाट भटेनी (नेपाल का इकलौता संगठित खुदरा चेन), हिल्टन होटल, आधा दर्जन मंत्रियों के आवास तथा अन्य ढांचे भी बरबाद हो चुके हैं। 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें सबसे युवा बच्चे की उम्र 13 वर्ष थी। नेपाल शोकग्रस्त है लेकिन इसके साथ ही उसमें एक किस्म की उत्सुकता भी है। विनाश और हत्याओं का यह सिलसिला जारी रह सकता था। इसके अचानक रुक जाने की वजह नेपाल की राजनीतिक अर्थव्यवस्था में निहित है। देश के नागरिकों की औसत आयु महज 25 वर्ष है और आबादी का 68 फीसदी हिस्सा कृषि कार्य में संलग्न है। युवा यकीनन बागी हो सकते हैं, परंतु उनको अपने पालतू पशुओं की भी देखभाल करनी है, खेतों को सींचना है, सोयाबीन और मक्के की छंटाई भी करनी होती है।

सुजीव शाक्य जो खुद को मजाक में सीईओ (चीफ इटर्नल ऑप्टिमिस्ट यानी मुख्य शाश्वत आशावादी) कहते हैं, वह नेपाल इकनॉमिक फोरम के संस्थापक हैं। यह फोरम काठमांडू में निजी क्षेत्र का आर्थिक नीति एवं शोध संस्थान है। वह कहते हैं कि चुनौतियों के बावजूद नेपाल की अर्थव्यवस्था अच्छी हालत में है। वर्ष 2004 से उसका सकल घरेलू उत्पाद छह गुना बढ़ा है और वह 2004 के 7 अरब डॉलर से बढ़कर 2024 में 44 अरब डॉलर हो चुका है। निजी क्षेत्र की ऋण वृद्धि के मामले में नेपाल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। विगत 20 साल में विदेश से रेमिटेंस के रूप में नेपाल में आने वाला धन 2 अरब डॉलर से बढ़कर 20 अरब डॉलर हो चुका है। इससे आम नेपाली परिवारों की खपत और उनके निवेश में सुधार हुआ है। सामाजिक संकेतकों में भी सुधार हुआ है तथा जीवन प्रत्याशा 1990 के 54.77 वर्ष से बढ़कर 2024 में 72 वर्ष हो चुकी है। प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन करीब 100 फीसदी है और साक्षरता दर 2000 के 59 फीसदी से बढ़कर 2024 में 76 फीसदी पहुंच गई है। 81 फीसदी नेपाली नागरिकों के पास अपना घर है और हर पांच में से चार नेपाली परिवारों का कम से कम एक सदस्य देश के बाहर रह रहा है या काम कर रहा है।

असल समस्या राजनीति में निहित है। यही एक रास्ता है जिसके जरिये तेजी से समृद्धि हासिल की जा सकती है। हाल के दिनों में जिस तरह के घोटाले सामने आए, वह भी बहुत कुछ बताता है। जेनजी आंदोलन से जुड़े नेताओं में से एक को 50,000 से अधिक लोगों की भीड़ ने जेल से रिहा करा लिया जहां वह कर्ज डिफॉल्ट के कम से कम पांच मामलों में सुनवाई की प्रतीक्षा कर रहे थे। इन मामलों में सहकारी बैंकों से कर्ज लिया गया था लेकिन उसे चुकाया नहीं गया था। वह देश के गृह मंत्री बने। एक अन्य पूर्व गृह मंत्री को उस समय गिरफ्तार किया गया जब उन्होंने शुल्क लेकर नेपाली नागरिकों को नकली भूटानी शरणार्थी के रूप में दस्तावेज प्रदान किए, ताकि उन्हें अमेरिका में पुनर्वास में मदद मिल सके। 

वर्तमान उथल-पुथल के दौरान इस्तीफा देने वाले एक और गृह मंत्री पर मानव तस्करी में भूमिका को लेकर जांच चल रही थी। हर दिन 400 से अधिक नेपाली नागरिक विदेश में नौकरी पाने के बाद त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना होते हैं। इस हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारी की नियुक्ति गृह मंत्रालय के नियंत्रण में होती है और यह पद अत्यंत प्रतिष्ठित माना जाता है। यह नियुक्ति कई सहायक व्यवसायों को बनाए रखती है जैसे ट्रैवल एजेंट, पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकारी, और नकली दस्तावेज तैयार करने वाले विशेषज्ञ। 

जेनजी आंदोलन के उभार और उसके आगे बढ़ने की एक वजह उन कुलीन युवाओं के प्रति नाराजगी भी है जो विशेषाधिकार प्राप्त परिवारों में जन्मे हैं। लेकिन पूरा मामला इससे कहीं अधिक जटिल है। विरोध प्रदर्शन एक नाकाम दिख रही व्यवस्था के खिलाफ है और इसके निशाने पर वे लोग हैं जिन्होंने किसी तरह इस व्यवस्था को बनाए रखने में मदद की है।

हमें पता है कि जेनजी किसके खिलाफ हैं। मगर वे क्या चाहते हैं और वे कौन हैं? किसी भीड़ को समझना आसान नहीं है। इसमें एक स्वयंसेवी संगठन के समान ‘जेनजी’ है,  टीवी प्रस्तोता रवि लामिछाने की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी है जिसकी स्थापना 2022 में हुई थी और जो 2023 में 20 से अधिक संसदीय सीट जीतकर सत्ता में आई। इसमें काठमांडू के विवादास्पद मेयर बालेन साह के समर्थक शामिल हैं और राजा ज्ञानेंद्र के स्वयंभू समर्थक दुर्गा प्रसाई जैसे लोग भी जो खुद ऋण की देनदारी चूकने पर जेल गए और फिलहाल जमानत पर रिहा हैं। काठमांडू से आ रही खबरों के मुताबिक जब अंतरिम सरकार को लेकर चर्चा छिड़ी तो जेनजी के कुछ सदस्यों ने प्रसाई के साथ एक टेबल पर बैठकर बात करने से इनकार कर दिया। इन विरोधाभासों का प्रबंधन नेपाल की प्रधानमंत्री और सेना को करना है। आगे की राह आसान नहीं है।

First Published - September 12, 2025 | 10:17 PM IST

संबंधित पोस्ट