1952 में पहली बार परिसीमन के बाद, 1951 की जनगणना के आधार पर 494 लोकसभा सीटें आवंटित की गईं। 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1963 में लोकसभा सीटों की संख्या बढ़कर 522 हो गई। 1971 की जनगणना के आधार पर 1973 में परिसीमन के बाद लोकसभा सीटों की संख्या बढ़कर 543 हो गई।
तमिलनाडु में डीएमके और तेलंगाना में बीआरएस जैसे कुछ राजनैतिक दलों को डर है कि नए परिसीमन से उनके राज्यों में संसदीय सीटें कम हो सकती हैं।
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