भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को लागू हुए आठ साल पूरे हो गए हैं, और इस मौके पर जारी सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि वित्त वर्ष 2024-25 में कुल जीएसटी संग्रह ₹22.08 लाख करोड़ तक पहुँच गया है, जो अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है और पिछले वर्ष की तुलना में 9.4% की वृद्धि दर्शाता है। केवल पाँच वर्षों में यह आंकड़ा दोगुना होकर FY21 के ₹11.37 लाख करोड़ से FY25 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचा है। अप्रैल 2025 में सबसे अधिक ₹2.37 लाख करोड़ का मासिक संग्रह हुआ, जबकि मई में यह ₹2.01 लाख करोड़ रहा।
जीएसटी प्रणाली से करदाताओं की संख्या भी 2017 के 65 लाख से बढ़कर अब 1.51 करोड़ से अधिक हो गई है, जिससे कर आधार और संग्रहण में स्थायी मज़बूती आई है। 2017 में लागू हुई इस प्रणाली ने 17 अप्रत्यक्ष करों और 13 उपकरों को मिलाकर एकीकृत, पारदर्शी और पाँच-स्तरीय कर ढांचे की नींव रखी। सरकार का कहना है कि इससे भारत की राजकोषीय स्थिति मज़बूत हुई है और टैक्स सिस्टम अधिक कुशल बना है। आठ वर्षों में जीएसटी न केवल कर सुधार का प्रतीक बना है, बल्कि यह अब देश की राजस्व प्रणाली का एक मजबूत और अनिवार्य हिस्सा बन चुका है।